नई दिल्ली: रिलायंस समूह (Reliance Group) के चेयरमैन अनिल अंबानी को गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने बिजनेसमैन अनिल अंबानी (Anil Ambani) के खिलाफ जारी इन्सॉल्वेंसी ऐंड बेंक्रप्सी कोड (IBC) की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अनिल अंबानी की कंपनी आरकॉम (Reliance Communications Ltd) और आरआईटीएल (Reliance Infratel Ltd) को 1200 करोड़ का कर्ज दिया था, इसी मामले में कोर्ट ने निर्देश दिया है.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक दिल्ली हाईकोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) से रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम) और रिलायंस इंफ्राटेल लिमिटेड (आरआईटीएल) द्वारा लिए गए ऋण के खिलाफ निजी गारंटी से संबंधित मामले में अनिल अंबानी को राहत पहुंचाते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) की कार्यवाही रोक दी है. Mukesh Ambani 6th Richest Man in the World: विश्व के अमीरों की लिस्ट में एक पायदान पिछड़े मुकेश अंबानी, एलन मस्क निकले आगे
Delhi High Court stays Insolvency & Bankruptcy Code (IBC) proceedings against Anil Ambani in a matter pertaining to a personal guarantee given by him against a loan taken by Reliance Communications Ltd (RCom) and Reliance Infratel Ltd (RITL) from State Bank of India (SBI). pic.twitter.com/Cfos8wpEr7
— ANI (@ANI) August 27, 2020
रिलायंस अनिल धीरुभाई अंबानी (एडीएजी) समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी को पिछले हफ्ते तब जोरदार झटका लगा था जब राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने उनके खिलाफ दिवालिया कानून की व्यक्तिगत गारंटी धारा के तहत 1,200 करोड़ रुपये वसूलने के लिये दिवाला प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया. इस आदेश के खिलाफ अंबानी ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
रिलायंस कम्युनिकेशंस के चेयरमैन अनिल अंबानी ने अगस्त 2016 में एसबीआई द्वारा आरकॉम और आरआईटीएल को दिये गये कर्ज की व्यक्तिगत गारंटी दी थी. एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने 20 अगस्त को दिये अपने आदेश में कहा था कि आरकॉम और आरआईटीएल दोनों ने जनवरी 2017 में और उसके आसपास कर्ज की किस्तें चुकानें में असफल रहीं. दोनों ऋण खाते को पुरानी तारीख से 26 अगस्त 2016 से प्रभावी रूप से गैर निष्पादित खाते (एनपीए) के रूप में वर्गीकृत कर दिया गया था.