Citizenship Amendment Act: सीएए लागू होने पर विपक्षी दलों की आईं प्रतिक्रियाएं, जानें किसने क्या कहा?- VIDEO
CAA को लेकर सभी दलों के नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल साइट X पर लिखा- यह नियम पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को हमारे देश में नागरिकता प्राप्त करने में सक्षम बनाएंगे.
Citizenship Amendment Act: मोदी सरकार ने सोमवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. सीएए के लागू होने से अब बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता मिल जाएगी. हालांकि, नागरिकता सिर्फ उन्हें ही मिलेगी जो 31 दिसंबर 2014 से पहले पड़ोसी देशों से प्रताड़ित होकर भारत आए थे. इनमें हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोग शामिल हैं.
बीजेपी सरकार के इस फैसले को लेकर सभी दलों के नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है. आइए जानते हैं कि CAA को लेकर किस दल के नेता ने क्या कहा है?
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सीएए कानून को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल साइट X पर लिखा- यह नियम पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को हमारे देश में नागरिकता प्राप्त करने में सक्षम बनाएंगे. इस अधिसूचना के साथ PM मोदी ने एक और प्रतिबद्धता पूरी की है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि दिसंबर 2019 में संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करने में मोदी सरकार को 4 साल और तीन महीने लग गए. सीएए के नियमों को अधिसूचित करने में लिया गया इतना समय प्रधानमंत्री के सफेद झूठ की एक और झलक है. यह हेडलाइन मैनेजमेंट है. यह सामाजिक ध्रुवीकरण की रणनीति है.
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी सोशल साइट X पर लिखा- आप क्रोनोलॉजी समझिए, पहले चुनाव का मौसम आएगा फिर CAA के नियम आएंगे. सीएए पर हमारी आपत्तियां जस की तस हैं. सीएए विभाजनकारी है और गोडसे की सोच पर आधारित है, जो मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहता था. सताए गए किसी भी व्यक्ति को शरण दें, लेकिन नागरिकता धर्म या राष्ट्रीयता पर आधारित नहीं होनी चाहिए.
देशभर में सीएए लागू होने पर शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने कहा कि यह बीजेपी का आखिरी खेल है. जब तक चुनाव है तब तक वे CAA-CAA खेलेंगे, खेलने दो.
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा- यह अधिनियम 6 महीने पहले ही लागू किया जाना चाहिए था. इसे जानबूझकर रमजान के पहले दिन लागू किया गया.
बसपा चीफ मायावती ने कहा कि चुनाव से ठीक पहले सीएए लागू करके केंद्र सरकार ने चुनावी लाभ लेने की कोशिश की है. इस अधिनियम से जुड़ी तमाम आशंकाओं को दूर करने के बाद इसे लागू किया जाना चाहिए था.
वहीं, ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने सीएए कानून का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि भारत का हर मुसलमान इसका स्वागत करे. मुसलमान न घबराएं , ये नागरिकता नहीं छीनता बल्कि देता है.