RBI Monetary Policy: EMI पर नहीं पड़ेगा बोझ! लगातार दूसरी बार RBI ने नहीं बढ़ाईं ब्याज दरें, रेपो रेट 5.5% पर बरकरार
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की MPC बैठक में इस बार भी रेपो रेट को 5.5% पर स्थिर रखा गया है. इससे आपके मौजूदा लोन की EMI पर कोई असर नहीं पड़ेगा और उसमें कोई बदलाव नहीं आएगा. RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है, जिसके चलते यह फैसला लिया गया है.
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की बैठक के नतीजे आ गए हैं. RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
इसका सीधा मतलब यह है कि आपके लोन की EMI (किस्त) पर कोई असर नहीं होगा. यह लगातार दूसरी बार है जब ब्याज दरों को 5.5% पर बरकरार रखा गया है. इससे पहले अगस्त में भी दरें नहीं बदली थीं.
इस बार भी नहीं मिली कटौती
बाज़ार में कई जानकार यह उम्मीद कर रहे थे कि इस बार रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट (0.25%) की कटौती हो सकती है, लेकिन RBI ने दरों को स्थिर रखने का फैसला किया. गवर्नर मल्होत्रा ने बताया कि MPC के सभी छह सदस्यों ने इस फैसले पर सहमति जताई है.
गवर्नर ने कहा कि भारतीय इकोनॉमी मज़बूत बनी हुई है और पहली तिमाही में GDP ग्रोथ शानदार रही है.
इस साल तीन बार हो चुकी है कटौती
हालांकि, आपको बता दें कि 2025 में RBI अब तक तीन बार रेपो रेट में कटौती कर चुका है. फरवरी, अप्रैल और जून की बैठकों में रेपो रेट को लगातार घटाया गया था. इन तीन कटौतियों के बाद यह दर 6.50% से घटकर 5.50% पर आ गई थी.
रेपो रेट को स्थिर रखने के साथ ही, केंद्रीय बैंक ने SDF रेट को 5.25% और MSF रेट को 5.75% पर भी बरकरार रखा है.
रेपो रेट क्या होता है?
अगर आप सोच रहे हैं कि यह रेपो रेट क्या होता है, तो इसे आसान भाषा में समझिए:
रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI देश के बाकी बैंकों को पैसा उधार देता है.
- जब RBI इस रेट को घटाता है (Repo Rate Cut), तो बैंकों को सस्ता लोन मिलता है. इसके बाद बैंक भी ग्राहकों के लिए होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दरें कम करते हैं, जिससे आपकी EMI घट जाती है.
- वहीं, जब यह रेट बढ़ता है, तो बैंकों के लिए पैसा महंगा हो जाता है और वे ग्राहकों के लिए भी लोन की दरें बढ़ा देते हैं.