PMC के बाद RBI ने बेंगलुरु की श्री गुरु राघवेंद्र सहकारी बैंक के लेन-देन पर लगाया अंकुश, 35000 रुपए से ज्यादा नहीं निकाल पाएंगे ग्राहक
भारतीय रिजर्व बैंक (Photo Credit- PTI)

पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (PMC) के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बेंगलुरु स्थित श्री गुरू राघवेंद्र सहकारी बैंक (Sri Guru Raghavendra Co-operative Bank) पर वित्तीय अनियमितताओं को लेकर बैन लगा दिया है. आरबीआई के इस फैसले के बाद ग्राहक 35000 रुपए से ज्यादा नहीं निकाल पाएंगे. इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि बैंक अगले छह महीने तक आरबीआई की अनुमति के बिना कोई नया लोन भी नहीं कर सकता है. आरबीआई की तरफ से यह एक्शन बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 की धारा 35 के तहत लिया है.

बैंक के खिलाफ एक्शन लेते हुए आरबीआई की तरफ से कहा है कि जब तक बैंक की वित्तीय स्थिति नहीं सुधर जाती, तब तक यह बैंक पाबंदियों के दायरे में ही बैंकिंग काम-काज का संचालन करेगा. हालांकि बैंक के लिए अच्छी बात है कि आरबीआई की तरफ से लाइसेंस रद्द नहीं किया है. बता दें कि गुरू राघवेंद्र सहकारी बैंक पर वित्तीय अनियमितताओं को लेकर आरबीआई ने 10 जनवरी शुक्रवार को काम-काज बंद होने के बाद से बैंक पर ये पाबंदियां लागू हैं. यह भी पढ़े: PMC बैंक: पीएमसी घोटाला मामले में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने बीजेपी नेता सरदार तारा सिंह के बेटे एस. रंजीत सिंह को किया गिरफ्तार, पूछताछ जारी

वहीं आरबीआई द्वारा बैंक को लेकर लिए गए इस फैसले के बाद खाताधारक परेशान हो गए है. लोग बैंक में पहुंचकर अपने पूरे पैसे को बैंक से निकालना चाहते हैं. बैंक में बवाल बढ़ता देख बीजेपी एमपी तेजस्वी सूर्या ने लोगों से शांति की अपील करते हुए ट्वीट किया- मैं श्री गुरू राघवेंद्र कोऑपरेटिव बैंक में पैसे जमा करने वाले सभी लोगों से परेशान ना होने की अपील करता हूं. आदरणीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के संज्ञान में ये मामला है और वो व्यक्तिगत रूप से इसे देख रही हैं.

बता दें कि श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक में करीब 9000 जमाकर्ता हैं. ऐसे में आरबीआई द्वारा बैंक के खिलाफ लिए गए इस फैसले के बाद बैंक के चेयरमैन के रामाकृष्णा ने जमाकर्ताओं को आश्वासन देते हुए कहा कि उनका पैसा सौ फीसदी सुरक्षित है. लोगों को घबराने की जरूरत नहीं हैं. इसकी मेरी जिम्मेदारी है.  ज्ञात हो इसके पहले ठीक इसी तरफ से पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक पर भी लेने देन को लेकर रोक लगा दी गई थी.