नई दिल्ली: देश में चुनाव से पहले वीएचपी संतों ने एक बार फिर अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के अगुआई में 40 संतों ने शुक्रवार को दिल्ली में बैठक की जिसमें राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद से जुड़ी विवादित जमीन के मालिकाना हक को लेकर आगे की रणनीति तय किया गया. इस अहम बैठक में संतों ने राम मंदिर के निर्माण पर केंद्र सरकार से अध्यादेश लाने के लिए दबाव बनाने का फैसला लिया है. सूत्रों की हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, संतों की उच्चाधिकार समिति के साथ बैठक में कई संतों ने राम मंदिर के निर्माण पर केंद्र सरकार के रूख पर नाराजगी जताई और कहा कि अगर केंद्र सरकार अगर कोर्ट में लंबित होने के बाद एससी/एसटी एट्रोसिटी एक्ट को संसद से कानून बना सकती है, तीन तलाक बिल पर अध्यादेश ला सकती है तो राम मंदिर के निर्माण के लिए ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा है.
संतों ने केंद्र सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. अगर केंद्र सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए कानून नहीं बनाती है तो वीएचपी संतो के नेतृत्व में हिंदू समाज एक बार फिर मंदिर के निर्माण के लिए बड़ा आंदोलन करेगी. सूत्रों के अनुसार खबर यह भी है कि बैठक में एक प्रस्ताव पास किया जाएगा जिसमें यह मांग भी की जाएगी कि केंद्र सरकार जन भावना को देखते हुए राम मंदिर के निर्माण पर अध्यादेश लाए जिसके बाद राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया जाए.
संत उच्चाधिकार समिति की बैठक में केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के वरिष्ठ सदस्य महंत कमलनयन दास, न्यास सदस्य पूर्व सांसद रामविलासदास वेदांती, महंत सुरेश दास, संत समिति अध्यक्ष महंत कन्हैया दास शामिल हैं.