अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए RSS की नई मुहिम, 9 दिन तक चलने वाली 'संकल्प रथ यात्रा' का आज से आगाज
आरएसएस शनिवार से 9 दिन की रथ यात्रा की शुरुआत कर रही है. इस यात्रा की शुरुआत दिल्ली से की जा रही है, जिसके तहत पूरी दिल्ली में 1 दिसंबर से 9 दिसंबर तक रथ यात्रा निकालकर राम मंदिर के लिए समर्थन जुटाया जाएगा. इस रथ यात्रा को 'संकल्प रथ यात्रा' नाम दिया गया है.
नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों के चलते आए दिन देश में राम मंदिर (Ram Mandir) का मुद्दा गर्माते जा रहा है. संत समाज के साथ-साथ विश्व हिंदू परिषद (VHP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भी देश में जल्द से जल्द भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए आवाज उठा रहे हैं. इसी कड़ी में अब आरएसएस शनिवार से 9 दिन की रथ यात्रा की शुरुआत कर रही है. इस यात्रा की शुरुआत दिल्ली से की जा रही है, जिसके तहत पूरी दिल्ली में 1 दिसंबर से 9 दिसंबर तक रथ यात्रा निकालकर राम मंदिर के लिए समर्थन जुटाया जाएगा. इस रथ यात्रा को 'संकल्प रथ यात्रा' नाम दिया गया है.
इस यात्रा के आयोजन की जिम्मेदारी स्वदेशी जागरण मंच को दी गई है, जो आरएसएस का ही एक संगठन है. इस यात्रा की शुरुआत संघ के प्रांत संघचालक कुलभूषण आहूजा झंडेवालान मंदिर से करेंगे. बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, वीएचपी और संत समाज की ओर से लगातार मोदी सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है कि सरकार तुरंत कानून बनाकर राम मंदिर का निर्माण करें. सरकार से मांग की जा रही है कि अध्यादेश लाकर या कानून बनाकर इसका हल निकाला जाए.
गौरतलब है कि विश्व हिंदू परिषद और संत समाज पहले से ही इस मुद्दे पर आंदोलन कर रहे हैं. 25 नवंबर को दोनों की ओर से अयोध्या में धर्म सभा भी बुलाई गई थी. जिसमें देशभर से साधु-संतों का जमावड़ा लगा था. शिवसेना ने भी इसी पर अलग से कार्यक्रम किया था. शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंदिर को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि अगर राम मंदिर नहीं बना तो दोबारा बीजेपी सरकार नहीं आएगी.
आरएसएस ने की थी धर्मसभा
आरएसएस ने भी 25 नवंबर को ही नागपुर स्थित अपने हेडक्वार्टर में धर्मसभा की थी. धर्मसभा को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि लटकाना बहुत हुआ, अब लड़ना है. राम मंदिर बनाकर रहेंगे. उन्होंने कहा था, ‘एक साल पहले मैंने स्वयं कहा था कि धैर्य रखें. अब मैं ही कह रहा हूं कि धैर्य से काम नहीं होगा. अब हमें लोगों को एकजुट करने की जरूरत है. अब हमें कानून की मांग करनी चाहिए.''
मंदिर निर्माण की मांग चरम पर
गौरतलब है कि बीजेपी के ओर से पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही साफ कर चुके हैं कि वह राम मंदिर का निर्माण संवैधानिक रूप से कराना चाहते हैं क्योंकि अभी ये मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है.