Rajasthan: बूंदी में दो सांडों की लड़ाई में गई थी युवक की जान, परिवार को हर्जाना नहीं देने पर कोर्ट ने नगर परिषद के खिलाफ सम्पत्ति के कुर्की के दिए आदेश

राजस्थान के बूंदी में 2018 में दो सांड़ों की लड़ाई में वहां से गुजरा रहे एक युवक की जान चली गई थी. मामला कोर्ट में जाने के बाद अदालत ने बूंदी नगर परिषद को 2020 में मृतक परिवार को 23 लाख 62 हजार 500 रुपये का हर्जाना देने का आदेश दिया.

सांड (Photo Credits Pixabay ANI)

जयपुर: राजस्थान के बूंदी में 2018 में दो सांड़ों (Bulls) की लड़ाई में वहां से गुजरा रहे एक युवक की जान चली गई थी. मामला कोर्ट में जाने के बाद अदालत ने बूंदी नगर परिषद (Bundi Municipal Council) को 2020 में मृतक परिवार को 23 लाख 62 हजार 500 रुपये का हर्जाना देने का आदेश दिया था. लेकिन नगर परिषद ने कोर्ट के आदेश को नजर अंदाज किया. आदेश की अवमानना करने पर कोर्ट ने नगर परिषद की संपत्ति कुर्क करके उक्त राशि का भुगतान करने के आदेश जारी किए हैं. कोर्ट के आदेश के बाद बूंदी नगर परिषद प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है.

आदेश की अवमानना करने को लेकर बूंदी जिला न्यायालय के निर्देश पर गुरुवार को सेल अमीन ने नगर परिषद पहुंचकर आयुक्त को कुर्की का आदेश सौंपा. जिसके बाद पूरे नगरपरिषद में हड़कंप मच गया. पूरे मामले को लेकर एडवोकेट कौशल किशोर शर्मा ने बताया कि सड़क पर दो सांड़ों की लड़ाई में ब्रह्मपुरी के रहने वाले मुकेश दीक्षित की जान चली गई थी. जिसके बाद उनकी मां सुशीला देवी और पत्नी रानी दीक्षित की ओर से कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका पर कोर्ट सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नगर परिषद को मौत का जिम्मेदार ठहराया था. यह भी पढ़े: Delhi: बीमार सांड का इलाज करने पहुंचे डॉक्टर और एंबुलेंस चालक पर शख्स ने किया हमला, दोनों घायल

कोर्ट ने इस मामले में 9 जनवरी 2020 को मृतक मुकेश दीक्षित के परिवार को 23 लाख 62 हजार 500 रुपये 6 प्रतिशत ब्याज के साथ हर्जाने के रूप में देने के आदेश दिए थे. लेकिनं नगर परिषद ने कोर्ट के आदेश का अवमानना किया और पीड़ित परिवार को हर्जाना नहीं दिया. जिस पर कोर्ट में उनकी तरफ से फिर से याचिका दायर की गई. जिस याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने नगर परिषद के खिलाफ सम्पत्ति के कुर्की के आदेश दिया है.

कोर्ट द्वारा दिए आदेश में बूंदी नगर परिषद को को हालांकि थोड़ी राहत दी गई. कोर्ट ने 5 जनवरी 2022 तक का समय दिया है. अगर इस बीच भी नगर परिषद उपयुक्त राशि का भुगतान नही करती है, तो निलामी द्वारा रकम की वसूली कर मृतक की मां और पत्नी को रकम दिलाई जाएगी.

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