ट्रेन में छेड़छाड़ करनेवालों की अब खैर नहीं, हो सकती है 3 साल की जेल

रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने ट्रेन में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के लिए तीन वर्ष जेल की सजा का प्रस्ताव दिया है. बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेलवे अधिनियम में शामिल किये जाने के लिए आरपीएफ द्वारा प्रस्तावित नये प्रावधानों में एक प्रावधान यह भी है कि ट्रेन में महिला के साथ छेड़छाड़ करने के लिए दोषी को तीन वर्ष जेल की सजा हो सकती है.

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ट्रेन में छेड़छाड़ करनेवालों की अब खैर नहीं, हो सकती है 3 साल की जेल

रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने ट्रेन में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के लिए तीन वर्ष जेल की सजा का प्रस्ताव दिया है. बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेलवे अधिनियम में शामिल किये जाने के लिए आरपीएफ द्वारा प्रस्तावित नये प्रावधानों में एक प्रावधान यह भी है कि ट्रेन में महिला के साथ छेड़छाड़ करने के लिए दोषी को तीन वर्ष जेल की सजा हो सकती है.

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ट्रेन में छेड़छाड़ करनेवालों की अब खैर नहीं, हो सकती है 3 साल की जेल
रेलवे सुरक्षा बल (Photo Credit: Twitter)

नयी दिल्ली: रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने ट्रेन में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के लिए तीन वर्ष जेल की सजा का प्रस्ताव दिया है. बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेलवे अधिनियम में शामिल किये जाने के लिए आरपीएफ द्वारा प्रस्तावित नये प्रावधानों में एक प्रावधान यह भी है कि ट्रेन में महिला के साथ छेड़छाड़ करने के लिए दोषी को तीन वर्ष जेल की सजा हो सकती है.

अधिनियम में संशोधन किये जाने का यह प्रस्ताव यदि मंजूर हो जाता है तो एक महिला की अस्मिता को ठेस पहुंचाने के लिए सजा भारतीय दंड़ संहिता (आईपीसी) के तहत दी जाने वाली सजा की तुलना में रेलवे अधिनियम के तहत ज्यादा हो जायेगी. आईपीसी के तहत अधिकतम एक वर्ष जेल की सजा का प्रावधान है.

अधिकारी ने बताया कि रेलगाड़ियों में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों के मद्देनजर आरपीएफ ने रेलवे अधिनियम में शामिल करने के लिए कुछ प्रावधानों का प्रस्ताव दिया है जिसमें राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) की मदद के बिना इस तरह के आरोपियों को पकड़ने का अधिकार उन्हें दिया जायेगा.

उन्होंने कहा कि हर बार ऐसा मामला सामने आता है जहां एक महिला पर हमला किया गया या हम पाते हैं कि पुरुष, महिलाओं के डिब्बों में यात्रा कर रहे हैं तो हमें जीआरपी की मदद लेनी पड़ती है क्योंकि रेलवे अधिनियम में इस तरह के अपराधों से निपटने के लिए कोई प्रावधान नहीं है. अधिकारी ने कहा,‘‘हमने इन प्रावधानों को शामिल करने का प्रस्ताव दिया है ताकि हम तेजी से कार्रवाई कर सकें और हमें जीआरपी की मदद न लेनी पड़े.’’

राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में मंत्रालय ने बताया था कि रेलगाड़ियों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या 2014-2016 के दौरान 35 प्रतिशत तक बढ़ी है. 2014-2016 के दौरान रेलगाड़ियों में महिला यात्रियों के खिलाफ अपराध के 1,607 मामले सामने आये। 2014 में इस तरह के 448 मामले, 2015 में 553 और 2016 में 606 मामले दर्ज हुए.

आरपीएफ ने महिलाओं के लिए आरक्षित डिब्बों में यात्रा करने वाले पुरुषों के लिए जुर्माने की राशि को भी बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है. जुर्माना 500 रुपये से बढ़ाकर एक हजार रुपये किये जाने का प्रस्ताव किया गया है.

ट्रेन में छेड़छाड़ करनेवालों की अब खैर नहीं, हो सकती है 3 साल की जेल
रेलवे सुरक्षा बल (Photo Credit: Twitter)

नयी दिल्ली: रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने ट्रेन में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के लिए तीन वर्ष जेल की सजा का प्रस्ताव दिया है. बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेलवे अधिनियम में शामिल किये जाने के लिए आरपीएफ द्वारा प्रस्तावित नये प्रावधानों में एक प्रावधान यह भी है कि ट्रेन में महिला के साथ छेड़छाड़ करने के लिए दोषी को तीन वर्ष जेल की सजा हो सकती है.

अधिनियम में संशोधन किये जाने का यह प्रस्ताव यदि मंजूर हो जाता है तो एक महिला की अस्मिता को ठेस पहुंचाने के लिए सजा भारतीय दंड़ संहिता (आईपीसी) के तहत दी जाने वाली सजा की तुलना में रेलवे अधिनियम के तहत ज्यादा हो जायेगी. आईपीसी के तहत अधिकतम एक वर्ष जेल की सजा का प्रावधान है.

अधिकारी ने बताया कि रेलगाड़ियों में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों के मद्देनजर आरपीएफ ने रेलवे अधिनियम में शामिल करने के लिए कुछ प्रावधानों का प्रस्ताव दिया है जिसमें राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) की मदद के बिना इस तरह के आरोपियों को पकड़ने का अधिकार उन्हें दिया जायेगा.

उन्होंने कहा कि हर बार ऐसा मामला सामने आता है जहां एक महिला पर हमला किया गया या हम पाते हैं कि पुरुष, महिलाओं के डिब्बों में यात्रा कर रहे हैं तो हमें जीआरपी की मदद लेनी पड़ती है क्योंकि रेलवे अधिनियम में इस तरह के अपराधों से निपटने के लिए कोई प्रावधान नहीं है. अधिकारी ने कहा,‘‘हमने इन प्रावधानों को शामिल करने का प्रस्ताव दिया है ताकि हम तेजी से कार्रवाई कर सकें और हमें जीआरपी की मदद न लेनी पड़े.’’

राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में मंत्रालय ने बताया था कि रेलगाड़ियों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या 2014-2016 के दौरान 35 प्रतिशत तक बढ़ी है. 2014-2016 के दौरान रेलगाड़ियों में महिला यात्रियों के खिलाफ अपराध के 1,607 मामले सामने आये। 2014 में इस तरह के 448 मामले, 2015 में 553 और 2016 में 606 मामले दर्ज हुए.

आरपीएफ ने महिलाओं के लिए आरक्षित डिब्बों में यात्रा करने वाले पुरुषों के लिए जुर्माने की राशि को भी बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है. जुर्माना 500 रुपये से बढ़ाकर एक हजार रुपये किये जाने का प्रस्ताव किया गया है.

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