नई दिल्ली. भारत की ताकत और बढ़ने वाली है. दरअसल राफेल लड़ाकू विमानों (Rafale Fighter Aircraft) की पहली खेप के रूप में पांच विमान सोमवार को फ्रांस से भारत के लिये रवाना हो गए हैं. जो कल अंबाला एयरबेस (Ambala Air Force Station) पर पहुंचने वाले हैं. भारत सरकार ने वायुसेना (Indian Air Force) के लिये 36 राफेल विमान खरीदने के लिये चार वर्ष पहले फ्रांस के साथ 59 हजार करोड़ रुपये का करार किया था. यह करार जब से हुआ है विपक्ष की भूमिका में मौजूद कांग्रेस लगातार केंद्र पर हमलावर रही है. इसके साथ ही फ्रांस (France) से भारत आने के दौरान राफेल लड़ाकू विमानों को हवा में ही रिफ्यूल किया गया है.इसे लेकर भारतीय वायुसेना ने फ्रांस एयरफोर्स का धन्यवाद अदा किया है.
बता दें कि अत्याधुनिक मिसाइलों से लैस भारतीय वायुसेना का सबसे खतरनाक फाइटर जेट राफेल 29 जुलाई को अंबाला एयरबेस पहुंचने वाला है. जिसके चलते पुरे शहर में धारा 144 लागू की गई है. एयरबेस के नजदीकी इलाके में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर रोक लगा दी गई है. यह भी पढ़ें-चीन और पाकिस्तान के उड़ जाएंगे होश, जुलाई के अंत तक भारत पहुंचेगा विध्वंसक फाइटर प्लेन राफेल
ANI का ट्वीट-
Rafale fighter jets being refuelled mid-air on their way to Ambala from France.
Appreciate the support provided by French Air Force for our Rafale journey back home, says Indian Air Force pic.twitter.com/CrqXPdgJwP
— ANI (@ANI) July 28, 2020
ज्ञात हो कि चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच राफेल का भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल होना कई मायनों में खास है.राफेल लड़ाकू विमान मेटेओर, स्कैल्प और मिका जैसे विजुअल रेंज मिसाइलों से लेस होगा, जोकि दूर से ही अपने टारगेट पर अटैक कर सकता है. राफेल लड़ाकू विमान का निर्माण फ्रांस की दसां एविएशन ने किया है.