राफेल डील: मोदी सरकार को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने नहीं मानी केंद्र की बात, दोबारा होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार को बड़ा झटका दिया है. देश की शीर्ष कोर्ट ने बुधवार को राफेल से जुड़े सरकार के उस दावे को खारिज कर दिया है.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार को बड़ा झटका दिया है. देश की शीर्ष कोर्ट ने बुधवार को राफेल (Rafale Case) से जुड़े सरकार के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें केंद्र सरकार ने कहा था कि पिछले साल 14 दिसंबर को न्यायालय के फैसले की समीक्षा के लिए याचिकाकर्ताओं द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों पर उसका विशेषाधिकार है.
सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील पर केंद्र सरकार की सभी दलीलों को खारिज कर दिया. प्रधान न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई ने बहुमत का फैसला पढ़ते हुए दस्तावेज की वैधता को मंजूर करते हुए पूरे मामलें की फिर से सुनवाई शुरु करने का फैसला सुनाया. राफेल मामलें की सुनवाई सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच कर रही है.
केंद्र सरकार ने पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा, पत्रकार से नेता बने अरुण शौरी और सामाजिक कार्यकर्ता-वकील प्रशांत भूषण की तरफ से दायर याचिका को लीक दस्तावेजों पर आधारित होने के नाते रद्द करने की मांग की थी. जिसे कोर्ट ने मानने से इनकार कर दिया.
सरकार ने अपनी दलील में कहा था कि तीनों याचिकाकर्ताओं ने अपनी समीक्षा याचिका में जिन दस्तावेजों का इस्तेमाल किया है, उनपर उसका विशेषाधिकार है और उन दस्तावेजों को याचिका से हटा देना चाहिए.
सरकार ने कहा था कि मूल दस्तावेजों की छाया प्रतियां अनधिकृत रूप से तैयार की गईं और इसकी जांच की जा रही है. हालांकि सिन्हा, शौरी और भूषण की तरफ से दायर याचिका पर अपना फैसला 14 मार्च को सुरक्षित रख लिया था.