Punjab: राज्य में बढ़ते प्रदूषण के बीच किसानों ने खेत में जलाई पराली, कहा- हमारे पास कोई विकल्प नहीं है

देश के कई राज्यों में इन दिनों बढ़ते वायु प्रदूषण से लोगों का हाल बेहाल है. वायु प्रदूषण से हो रही परेशानियों के सबसे अधिक मामले राजधानी दिल्ली और एनसीआर से आ रहे हैं. राज्य सरकारें इस मुसीबत से निपटने के लिए तरह-तरह के उपयोग कर रही हैं, लेकिन इसपर अबतक पूर्णरूप से कामयाबी नहीं हासिल हुई है.

लुधियाना में किसान ने पराली जलाई (Photo Credits: ANI)

चंडीगढ़, 22 नवंबर: देश के कई राज्यों में इन दिनों बढ़ते वायु प्रदूषण (Air Pollution) से लोगों का हाल बेहाल है. वायु प्रदूषण से हो रही परेशानियों के सबसे अधिक मामले राजधानी दिल्ली (Delhi) और एनसीआर (NCR) से आ रहे हैं. राज्य सरकारें इस मुसीबत से निपटने के लिए तरह-तरह के उपयोग कर रही हैं, लेकिन इसपर अबतक पूर्णरूप से कामयाबी नहीं हासिल हुई है. इस बीच खबर आ रही है कि पंजाब (Punjab) के लुधियाना (Ludhiana) शहर स्थित बड़वाल गांव (Badwal Village) में किसानों ने कटाई के बाद खेतों में बचे ठूंठ को जलाया. इस दौरान एक किसान ने ANI न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा कि, 'हम मजबूर हैं, हमारे पास ठूंठों को जलाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है.

बता दें कि राजधानी दिल्ली एवं उससे सटे कुछ राज्यों के शहरों में लोगों को प्रदूषण की वजह से आंखों में जलन, सिर भारी, उल्टी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. वहीं वरिष्ठ नागरिकों को हवा में बढ़ते प्रदूषण की वजह से सांस लेने में भी काफी तकलीफ हो रही है. राजधानी दिल्ली में इस साल बीते 10 अक्टूबर तक हवा की गुणवत्ता ठीक थी, लेकिन इसके पश्चात् दिन ब दिन यह खराब होती चली गई.

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गौरतलब है कि बीते कुछ वर्षों में दिल्ली-एनसीआर में ठंड की शुरुआत होते ही वायु की गुणवत्ता काफी खराब हो जाती है. इसका कारण एक तरफ पराली जाने से उत्पन्न हुआ धुंआ होता है, वहीं दूसरी वजह दीपावली के मौके पर लोगों द्वारा अधिक मात्रा में जलाए गए पटाखों से उत्पन्न हुआ प्रदूषण भी होता है.

बता दें कि इस साल पंजाब में एक सर्वे के मुताबिक 22 सितंबर से 17 नवंबर के बीच पराली जलाने के 74,236 मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं साल 2019 में 51,946, साल 2018 में 49,905, साल 2017 में 43,660 और साल 2016 में 80,879 पराली जलाने के मामले रिपोर्ट किए गए थे.

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