सीएम अमरिंदर सिंह का बड़ा फैसला, पटाखा बनाने वाली अवैध फैक्ट्रियों पर कार्रवाई करने का दिया आदेश

पंजाब के गुरदासपुर जिले के बटाला में पटाखा फैक्ट्री में एक विस्फोट में 23 लोगों के मारे जाने और 27 लोगों के घायल होने की घटना के दो दिन बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को आवासीय और घनी आबादी वाले क्षेत्र में चल रही अवैध पटाखा निर्माण इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है

कैप्टन अमरिंदर सिंह (Photo Credits-ANI Twitter)

पंजाब के गुरदासपुर जिले के बटाला में पटाखा फैक्ट्री में एक विस्फोट में 23 लोगों के मारे जाने और 27 लोगों के घायल होने की घटना के दो दिन बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को आवासीय और घनी आबादी वाले क्षेत्र में चल रही अवैध पटाखा निर्माण इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है . सिंह ने प्रदेश के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को इन अवैध पटाखा फैक्ट्रियों को बंद करने के लिए तत्काल जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति भविष्य में दोबारा नहीं हो. पीड़ितों के परिजनों ने आरोप लगाया है कि बार बार अपील के बावजूद गुरदासपुर जिला प्रशासन इन अवैध पटाखा निर्माण इकाइयों को बंद कराने में विफल रहा है. मुख्यमंत्री ने विस्फोट स्थल का दौरा करने और कुछ पीड़ितों से अस्पताल में मुलाकात के बाद संवाददाताओं को बताया, ‘‘मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि मैं एक कमेटी बनाऊंगा, जो पूरे पंजाब में ऐसी फैक्ट्रियों का पता लगाएगी और हम इन्हें बंद करेंगे.  हम इन्हें चलाने की अनुमति नहीं देंगे. इस कमेटी की अगुवाई मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक करेंगे .’’

एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि इस विस्फोट में 23 लोगों की मौत हुई है, जबकि एक ही पहचान होना बाकी है . यह कहते हुए कि भीड़भाड़ वाली जगहों पर पटाखा कारखानों को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिये गए हैं और इसकी रिपोर्ट जल्दी ही आ जाएगी. सिंह ने कहा, ‘‘मैं इस जांच से यह जानना चाहता हूं कि यह (विस्फोट) कैसे हुआ . मुख्यमंत्री के इस दौरे में राज्य सरकार के तीन मंत्री - तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा और अरूणा चौधरी - उनके साथ थे. पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ भी उनके साथ थे . जब यह बताया गया कि इसी स्थान पर जनवरी 2017 में एक विस्फोट हुआ था और उसकी जांच रिपोर्ट अभी तक नहीं आयी है, मुख्यमंत्री ने आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि इस देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी . यह भी  पढ़े: सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की बिक्री के प्रतिबंध पर सुनाया बड़ा फैसला, पूरी तरह से नहीं लगेगा बैन- कुछ शर्तें रहेंगी

मुख्यमंत्री ने आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा, ‘‘कुछ क्यों नहीं निकला . उन्हें (फैक्ट्रियों) जारी रखने की अनुमति कैसे दी गयी . उन्होंने कहा कि यह घटना मार्च 2017 में उनके मुख्यमंत्री बनने से दो महीने पहले हुई थी, इस बात की जांच करायी जाएगी ताकि यह पता चले कि ढाई साल होने के बावजूद जांच पूरी क्यों नहीं हुई . पीड़ितों को दिये जाने वाले अनुदान में वृद्धि के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि मुआवजा तय करने की मानक प्रक्रिया में वह बदलाव नहीं कर सकते हैं . राज्य की ओर से घटना में मरने वालों के परिजनों को दो दो लाख रुपये का मुआवजा देने तथा घायलों के मुफ्त इलाज की घोषणा की गयी है .

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