उरी से भी बड़ा आतंकी हमला: CRPF काफिले को आतंकियों ने बनाया निशाना, 44 जवान शहीद, सेना ने कई गांवों को घेरा
आईईडी ब्लास्ट में सीआरपीएफ के कई जवान शहीद (Photo Credits: Twitter)

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पुलवामा (Pulwama) में बड़ा आतंकी हमला (Terrorist Attack) हुआ है. गुरुवार दोपहर को आतंकियों ने सुरक्षाबलों के वाहन को निशाना बनाकर आईईडी धमाका किया. खबर के अनुसार इस हमलें में 44 जवान शहीद हुए है. जबकि कई जवान जख्मी बताए जा रहे है. हालांकि आतंकियों की धरपकड़ के लिए सेना ने पूरे इलाके को सील कर दिया है. जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की ज़िम्मेदारी ली है.

जानकारी के मुताबिक, आतंकियों ने जम्मू से श्रीनगर जा रहे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर हमला किया. इसमें सीआरपीएफ के 2500 से अधिक कर्मी 78 वाहनों में जा रहे थे. इनमें से अधिकतर अपनी छुट्टियां बिताने के बाद अपनी ड्यूटी पर लौट रहे थे. तभी एक आत्मघाती आतंकवादी ने विस्फोटक से भरी अपनी कार जवानों की बस से भिड़ा दी. ऐसा माना जा रहा है कि यह हमला जैश ए मोहम्मद के आत्मघाती आतंकी आदिल अहमद डार ने किया है.

बताया जा रहा है कि हमले के लिए स्कॉर्पियो का इस्तेमाल किया गया था. स्कॉर्पियो बस के पीछे थी और लेथपोरा पहुंचने पर बस की गति धीमी हो गई जिसके बाद स्कॉर्पियो ने बस को टक्कर मार दी और फिर धमाका हो गया. धमाके के बाद आतंकियों ने काफिले पर गोलियां भी बरसाई है. सूत्रों ने कहा कि शहीद जवानों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कुछ घायल जवानों की हालत बहुत गंभीर है.

घटना में इस्तेमाल किया गया विस्फोटक इतना शक्तिशाली था कि उसकी आवाज 10-12 किलोमीटर दूर, यहां तक कि पुलवामा से जुड़े श्रीनगर के कुछ इलाकों तक भी सुनाई दी. स्थानीय निवासियों ने बताया कि घटना में शहीद हुए जवानों के क्षत विक्षत शव जम्मू कश्मीर राजमार्ग में बिखर गए. कुछ शवों की हालत तो इतनी खराब है कि उनकी शिनाख्त में काफी वक्त भी लग सकता है.

हाल ही में गृह मंत्रालय ने एक रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन साल के दौरान बड़ी मात्रा में आतंकी मारे गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 में 135 आतंकी, 2017 में 207 आतंकी मारे गए. जबकि, साल 2018 में सुरक्षा बलों ने 244 आतंकियो को ऑपेरशन में मार गिराया. अगर घुसपैठ के आंकड़ों की बात की जाए तो पिछले साल आतंकियों ने 143 बार घुसपैठ की है.