इस्लामाबाद: देश के वीर जवानों पर कायरों की तरह हमला करने वाले आतंकियों को पाकिस्तान के एक न्यूजपेपर ने फ्रीडम फाइटर यानि आजादी के लिए लड़नेवाला लड़ाका बताया है. पाकिस्तानी न्यूजपेपर ‘द नेशन’ ने इस घटना की खबर छापते हुए हेडलाइन में लिखा कि, "आज़ादी के लड़ाकों ने हमला बोला, भारत अधिकृत कश्मीर में 44 सैनिकों की मौत". वहीं सीआरपीएफ पर आतंकी हमले में पाकिस्तान ने अपने किसी किरदार से मना कर दिया है. हालांकि केंद्र सरकार का दावा है की यह आतंकी हमला पाकिस्तान प्रायोजित था.
पाकिस्तान के लगभग सभी न्यूजपेपरों और समाचार चैनलों ने पुलवामा आतंकी हमले की खबर छापी और दिखाई है. हालांकि कई न्यूजपेपरों ने इस घटना को अलग ही अंदाज में पेश किया है. जिससे पाकिस्तान की नीयत का अंदाजा लग जा रहा है. पाकिस्तान के तमाम मीडिया हाउसेस ने पुलवामा आतंकी हमले पर अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है.
द नेशन की हेडलाइन- "आज़ादी के लड़ाकों ने हमला बोला, भारत अधिकृत कश्मीर में 44 सैनिकों की मौत"
द डॉन की हेडलाइन- “कश्मीर हमले में 44 भारतीय सैनिकों की मौत”
पाकिस्तान ऑब्जर्वर की हेडलाइन- “भारत अधिकृत कश्मीर में हुए विस्फोट में 44 भारतीय सैनिकों की मौत, दर्जनों घायल”
गौरतलब हो कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार दोपहर को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) जवानों को ले जा रही बस से भीड़ा दिया. जिसमें कम से कम 45 जवान शहीद हो गए. बताया जा रहा है कि सीआरपीएफ के 2500 से अधिक जवान 78 वाहनों के काफिले में जा रहे थे. इनमें से अधिकतर अपनी छुट्टियां बिताने के बाद अपने काम पर वापस लौट रहे थे. जम्मू कश्मीर राजमार्ग पर अवंतिपोरा इलाके में इस काफिले पर घात लगाकर आतंकी ने हमला किया.
उधर, इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए मोदी सरकार ने पाकिस्तान के साथ ही आतंकियों को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी है. इसी कड़ी में भारत ने पाकिस्तान से सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र यानि मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस ले लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) की बैठक में यह फैसला लिया गया. बैठक में पीएम मोदी और जेटली के अलावा, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी बैठक में मौजूद रहे.
बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा, "विदेश मंत्रालय सभी संभावित कदम उठाना शुरू करेगा और मैं उन सभी कूटनीतिक कदमों का उल्लेख कर रहा हूं, जिन्हें पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से पूरी तरह से अलग-थलग करना सुनिश्चित करने के लिए लिया जाना है. भयावह आतंकवादी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने के पुख्ता सबूत उपलब्ध हैं."
उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ भी यह सुनिश्चित करने के की कोशिश करेगा कि अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक संधि, जो संयुक्त राष्ट्र के पास तीन दशकों से लंबित है, विशेषकर आतंकवाद शब्द की परिभाषा के कारण, उसे जल्द से जल्द अपनाया जाए.