पुलवामा आतंकी हमला: अगर पीएम मोदी ने दिया ऑर्डर तो- आतंकवादियों को कुछ ही घंटो में मौत के घाट उतार सकते हैं भारत के ये सबसे खूंखार कमांडो, पाक सेना भी कांपती है
बता दें कि जल, थल, वायु सेना का हर एक जवान अपनी धरती और भारत मां के लिए अपने प्राण त्यागने और दुश्मनों को मौत के घाट उतारने से पीछे नहीं हटता है. क्योंकि इतिहास गवाह रहा है कि जब भी किसी ने देश की तरफ बुरी नजर डाला है उसे मुंह की खानी पड़ी है. 26/11 मुंबई के आतंकी हमले में दुनिया भारतीय कमांडो के ताकत का लोहा माना था.
सीआरपीएफ के जवानों पर आतंकियों ने जो घात लगाकर पुलवामा में हमला किया. उससे पूरा देश दहल उठा है. इस आतंकी हमले में 42 जवान शहीद हो गए. जिसके बाद पीएम मोदी ने खुद कहा है कि उन्होंने सेना को खुली छूट दे दी है. वहीं दूसरी तरफ देश में आम से खास तक आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देने की मांग उठ रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पीएम मोदी एक बार फिर सर्जिकल स्ट्राइक-2 करने का निर्देश दे सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो सेना कैसे इन प्लानिंग को पूरा कर आतंकियों का सफाया करेगी.
मार्कोस कमांडोज़ (Marcos Commandos)
भारत में एक ऐसे कमांडो भी हैं जिन्हें दुनिया का सबसे ताकतवर एवं कुशल कमांडोज माना जाता है. इन कमांडो को मार्कोस के नाम से जाना जाता. मार्कोस कमांडो बनने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है और कड़ी परीक्षा से गुजरना पड़ता है तब वो बनते हैं बेहतरीन कमांडो हैं. मार्कोस को दुनिया की बेहतरीन यूएस नेवी सील्स की तर्ज पर विकसित किया जाता है. मार्कोस कमांडो का आतंकवाद से लेकर, नेवी ऑपरेशन, और एंटी पायरेसी ऑपरेशन में भी इस्तेमाल किया जाता है. आपको जानकार हैरानी होगी कि 1000 सैनिकों में से कोई एक ही मार्कोस कमांडो बन पाता है.
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NSG कमांडोज़ (National Security Guard)
एनएसजी (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) देश के सबसे अहम कमांडो फोर्स में से एक है जो गृह मंत्रालय के आधीन काम करता हैं. एनएसजी कमांडो सिर से लेकर पैर के नाखून तक काले रंग के पोशाक से ढके होते हैं. उनके पास सबसे आधुनिक हथियार होते हैं. एनएसजी कमांडो का मूल मंत्र है सर्वत्र सर्वोत्तम सुरक्षा. एनएसजी कमांडो बनने का मौका हर जवान को नहीं मिलता. जिन्हें इस ट्रेनिंग के लिए चुना जाता है वे अपने दल के सबसे बेहतरीन सैनिक होते हैं. एनएसजी बनने वाले जवान को आर्मी, पैरा मिलिट्री या पुलिस में होना जरूरी है. इस बीच के कई ऐसे जवान होते हैं जो ट्रेनिंग पास नहीं कर पाते हैं लेकिन जो इस कठिन ट्रेनिंग को पार कर के पास हो जाते हैं वे दुनिया के सबसे घातक एनएसजी बनकर उभरते हैं.
गरुड़ कमांडोज़ (Garud Commandos)
गरुड़ कमांडोज़ भारतीय वायुसेना की शान होते है ये दुश्मनो के लिए काल के रूप में माने जाते है. गरुड़ कमांडोज को भारतीय वायुसेना कड़ी ट्रेनिंग देकर तैयार करती है. गरुड़ जवान पानी, हवा और रात में मार करने की अनोखी क्षमता रखते हैं. साल 2003 में जब भारत सरकार ने इस फ़ोर्स की मंजूरी दी थी. जिसके बाद सबसे पहले 100 वालिंटियर्स को ट्रेनिंग दी गई लेकिन से 62 गरुड़ कमांडो के आखिर में चुने गए.
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बता दें कि जल, थल, वायु सेना का हर एक जवान अपनी धरती और भारत मां के लिए अपने प्राण त्यागने और दुश्मनों को मौत के घाट उतारने से पीछे नहीं हटता है. क्योंकि इतिहास गवाह रहा है कि जब भी किसी ने देश की तरफ बुरी नजर डाला है उसे मुंह की खानी पड़ी है. 26/11 मुंबई के आतंकी हमले में दुनिया भारतीय कमांडो के ताकत का लोहा माना था.