पुलवामा अटैक: भारत ने पाकिस्तान को लताड़ा, करारा जवाब देने के लिए आज PM मोदी के नेतृत्व में होगी हाई लेवल मीटिंग

केंद्र सरकार गुरुवार को सीआरपीएफ जवानों के बस पर पाकिस्तान प्रायोजित जैश ए मोहम्मद द्वारा किए गये आतंकी हमले का बदला लेने वाली है. जिसके लिए शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति (सीसीएस) की बैठक होगी.

पुलवामा हमले में CRPF के 44 जवान शहीद (Photo Credits: IANS)

श्रीनगर: केंद्र सरकार गुरुवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर पाकिस्तान प्रायोजित जैश ए मोहम्मद द्वारा किए गये आतंकी हमले का बदला लेने वाली है. जिसके लिए शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति (सीसीएस) की उच्चस्तरीय बैठक होगी. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि सीसीएस की बैठक के बाद आतंकियों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है.

जानकारी के मुताबिक सीसीएस की बैठक शुक्रवार को सुबह सवा नौ बजे हो सकती है. सीसीएस का नेतृत्व पीएम मोदी करने वाले हैं, इसके अलावा रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सहित कई केंद्रीय मंत्री इसमें शामिल हो सकते है.

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गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित और पनाह दिये गये लोगों के जरिये कराये गये इस आतंकवादी हमले के माध्यम से शांति में जो बाधा उत्पन्न करना चाहते हैं केन्द्र सरकार उनकी साजिशों को विफल करने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ है.

उधर, विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर आतंकी हमले की निंदा की है. विदेश मंत्रालय ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आज हमारे बहादुर जवानों पर हुए आतंकी हमले की भारत सरकार कड़े शब्दों में निंदा करती है. यह जघन्य कृत्य पाकिस्तान में मौजूद और पाक समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने किया है. जैसे के सरगना मसूद अजहर को पाकिस्तान ने खुली छूट दे रखी है ताकिं वो कश्मीर में आतंकी वारदातों को अंजाम दे सके.'

गौरतलब हो कि पुलवामा जिले में जैश ए मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे एक वाहन को सीआरपीएफ की एक बस से टकरा दिया. इस विस्फोट में सीआरपीएफ के कम से कम 44 जवान शहीद हुए हैं. ये जवान इस बस से जम्मू से श्रीनगर जा रहे थे. इसमें सीआरपीएफ के 2500 से अधिक कर्मी 78 वाहनों में जा रहे थे. यह हमला 2016 में हुए उरी हमले के बाद से राज्य में सबसे भीषण आतंकी हमलों में एक है.

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