भारत को मिला फ्रांस का साथ, पाकिस्तानी आतंकी मसूद अजहर को बैन करने के लिए जल्द UN को देगा प्रस्ताव
पुलवामा आतंकी हमले में पाकिस्तान की मिलीभगत की पोल खोलकर उसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने की भारत की रणनीति काम कर रही है. इसी का नतीजा है कि भारत को आतंक के खिलाफ छेड़े गए अभियान में अब फ्रांस का भी साथ मिला है.
नई दिल्ली: पुलवामा आतंकी हमले में पाकिस्तान की मिलीभगत की पोल खोलकर उसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने की भारत की रणनीति काम कर रही है. इसी का नतीजा है कि भारत को आतंक के खिलाफ छेड़े गए अभियान में अब फ्रांस का भी साथ मिला है. अगले कुछ दिनों में फ्रांस संयुक्त राष्ट्र में आतंकी मसूद अजहर (Masood Azhar) पर प्रतिबंध लगवाने के लिए एक प्रस्ताव लाएगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फ्रांस संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर को आतंकी सूची में डालने के लिये एक प्रस्ताव का नेतृत्व करेगा. यह अगले कुछ दिनों में होगा. फ्रांस के इस फैसले पर फ्रांस के राष्ट्रपति के कूटनीतिक सलाहकार फिलिप एतिन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच मंगलवार सुबह चर्चा हुई.
संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) के प्रमुख अजहर ने हाल में पुलवामा में हुए आत्मघाती आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे. यह दूसरा मौका होगा जब फ्रांस संयुक्त राष्ट्र में ऐसे किसी प्रस्ताव के लिए पक्ष बनेगा. 2017 में अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस के समर्थन से संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति 1267 में एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन के प्रमुख पर प्रतिबंध की मांग की गई थी. इस प्रस्ताव पर चीन ने अड़ंगा लगा दिया था.
उधर, पाकिस्तान ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद की स्थिति के बारे में रविवार को अफ्रीकी और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) देशों के राजदूतों को जानकारी दी. दरअसल, आतंकवाद को एक राजकीय नीति के तौर पर इस्तेमाल करने में पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करने के लिए भारत ने शुक्रवार को दिल्ली में ‘‘पी 5’’ राष्ट्रों समेत 25 देशों के राजदूतों को इस बारे में जानकारी दी थी. पी 5 देशों में अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस शामिल हैं.