अच्छा मुनाफा होने के बावजूद निजी क्षेत्र के बैंकों से पिछड़े सरकारी बैंक

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान अच्छा मुनाफा कमाया है, लेकिन वे तकनीक आधारित निजी व छोटे बैंकों से पिछड़ रहे हैं. पीएसबी ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान निजी बैंकों और छोटे वित्तीय संस्थानों के हाथों बाजार की हिस्सेदारी खो दी.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo: PTI)

चेन्नई, 19 नवंबर : सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान अच्छा मुनाफा कमाया है, लेकिन वे तकनीक आधारित निजी व छोटे बैंकों से पिछड़ रहे हैं. पीएसबी ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान निजी बैंकों और छोटे वित्तीय संस्थानों के हाथों बाजार की हिस्सेदारी खो दी. केयर रेटिंग्स ने एक रिपोर्ट में कहा है कि यह एक अनूठी विचित्रता है, जहां पीएसबी और निजी बैंक दोनों ही पूर्ण रूप से समान स्तर पर बढ़े हैं, लेकिन निजी बैंकों ने बड़ा हिस्सा हासिल किया है, जबकि पीएसबी ने अपना हिस्सा खो दिया है. इसी तरह कोटक सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि निजी बैंकों ने चालू खातों और कॉरपोरेट सेगमेंट में अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाई है, जबकि सार्वजनिक बैंक घरेलू और सरकारी क्षेत्रों में लगातार पिछड़ रहे हैं.

7 नवंबर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 12 पीएसबी ने वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही के दौरान शानदार लाभ अर्जित किया है सीतारमण ने ट्वीट किया, एनपीए को कम करने और पीएसबी के को और मजबूत करने के लिए हमारी सरकार के निरंतर प्रयास अब ठोस परिणाम दिखा रहे हैं. सभी 12 पीएसबी ने वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में 25,685 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ और वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में 40,991 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ घोषित किया, जो क्रमश: 50 प्रतिशत और 31.6 फीसद (साल दर साल) अधिक है. यह भी पढ़ें : Kerala: पिता के बिजनेस पार्टनर के हमले में लड़के की मौत

केयर रेटिंग्स के अनुसार बकाया बैंक जमा 30 जून, 2022 तक 9.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 170 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया. निजी बैंकों की कुल जमा राशि दो अंकों में बढ़ी, जबकि पीएसबी ने 6.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की. कम लागत वाले चालू खाते, बचत खाते (सीएएसए) जमाओं में दो अंकों की वृद्धि देखी गई और सावधि जमाओं को पीछे छोड़ दिया. निजी बैंकों के लिए सीएएसए में 16.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि पीएसबी ने उच्च ब्याज दरों और ग्राहक अधिग्रहण के कारण 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की.

निजी बैंकों ने खुदरा ऋण बाजार पर ध्यान केंद्रित करने के कारण एक साल पहले 9.6 प्रतिशत की तुलना में 18 प्रतिशत की मजबूत ऋण वृद्धि दर्ज की. केयर रेटिंग्स ने कहा कि पूर्ण रूप से निजी बैंकों का क्रेडिट एक साल पहले वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में 7 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 46 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया. क्रेडिट रेटिंग एजेंसी के अनुसार पीएसबी ने खुदरा ऋण, मुद्रास्फीति प्रेरित कार्यशील पूंजी की आवश्यकता, आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) द्वारा संचालित एमएसएमई, और कम ब्याज दरों के कारण एक साल पहले के 3.1 प्रतिशत की तुलना में 11.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की.

केयर रेटिंग्स ने कहा कि वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में क्रेडिट 7.3 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 68.3 लाख करोड़ रुपये हो गया. ऋण वृद्धि के संदर्भ में निजी बैंकों ने वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में 650 बीपीएस के व्यापक अंतर से बेहतर प्रदर्शन किया. इसने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से 120 बीपीएस की बाजार हिस्सेदारी हासिल की और उच्च खुदरा ऋण वृद्धि और क्रेडिट बाजार पर कब्जा करने के कारण 36.8 प्रतिशत तक पहुंच गया. डिपॉजिट मार्केट शेयर के संदर्भ में निजी बैंकों की हिस्सेदारी 31.3 प्रतिशत थी, जो वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में 115 बीपीएस प्राप्त कर रही थी, जबकि पीएसबी के पास 59.9 प्रतिशत हिस्सेदारी थी, जो हर साल 144 बीपीएस कम थी.

केयर रेटिंग्स ने कहा कि ग्राहकों के अधिग्रहण और बेहतर सेवाओं की पेशकश के कारण निजी बैंक लगातार बाजार हिस्सेदारी हासिल कर रहे हैं. सीएएसए वित्त वर्ष 23 की पहली तिमाही में 7.6 लाख करोड़ रुपये बढ़ गया, जो 30 जून, 2022 तक 75.7 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया. तिमाही के दौरान निजी बैंकों और पीएसबी ने अपने सीएएसए में क्रमश: 3.4 लाख करोड़ रुपये (वर्ष-दर-वर्ष 16.2 प्रतिशत की वृद्धि दर) और 3.1 लाख करोड़ रुपये (7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर) का विस्तार किया.

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