PUBG Not Banned: भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित 59 चीनी ऐप्स की सूची में पब्जी शामिल नहीं, सोशल मीडिया पर गेमिंग एप्लिकेशन के बैन को लेकर उड़ी अफवाहें

सोशल मीडिया पर अफवाहों का दावा है कि भारत सरकार द्वारा PUBG को बैन कर दिया गया है. सोशल मीडिया पर फैल रही ये अफवाहें पूरी तरह से गलत हैं. क्यों कि PUBG को उन प्रतिबंधित 59 ऐप्स की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है.

PUBG | प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Flickr)

PUBG Not Banned:  PUBG के नाम से मशहूर प्लेयरअननॉन बैटल ग्राउंड (PlayerUnknown's Battleground) को उन 59 चीनी ऐप्स की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है, जिन पर भारत सरकार द्वारा सोमवार को प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस बीच सोशल मीडिया पर अफवाहों का दावा है कि लोकप्रिय ऑनलाइन गेमिंग एप्लिकेशन भी उन ऐप्स में से है, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा बैन कर दिया गया है.

सोशल मीडिया पर फैल रही ये अफवाहें पूरी तरह से गलत हैं. क्यों कि PUBG को उन प्रतिबंधित 59 ऐप्स की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है. यह निश्चित रूप से PUBG प्लेयर्स के लिए एक राहत भरी खबर है, जो मल्टीप्लेयर वीडियो गेम का आनंद लेने के लिए अपने मोबाइल फोन पर घंटों बिताते हैं. भारत में PUBG भी युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय है. यह भी पढ़ें: चीन पर मोदी सरकार का बड़ा फैसला, टिकटॉक और यूसी ब्राउजर समेत 59 चाइनीज ऐप्स बैन- यहां देखें पूरी लिस्ट. 

PUBG को PUBG Corporation द्वारा एक इंटरैक्टिव मल्टीप्लेयर वीडियो गेम के रूप में विकसित किया गया है, जो कि लोकप्रिय दक्षिण कोरियाई वीडियो गेम कंपनी ब्लूहोल की सहायक कंपनी है.

भारत सरकार ने सोमवार को मशहूर टिकटॉक के साथ शेयरइट, हैलो, लाइकी, यूसी ब्राउजर, और वीचैट समेत कुल 59 चाइनीज ऐप्स को बैन किया है. यूसी ब्राउजर सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले वेब ब्राउजर में से एक है और भारत में चाइनीज स्मार्टफोन के उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध डिफ़ॉल्ट ब्राउजर है. वहीं टिकटॉक लाखों भारतीयों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला सबसे लोकप्रिय वीडियो शेयरिंग ऐप है.

WeChat, Mi वीडियो कॉल - Xiaomi, Cam Scanner, NewsDog, UC News, Weibo, Xender और ShareIt अन्य प्रमुख मोबाइल ऐप्स में से हैं जो अब भारत में उपयोग के लिए अब उपलब्ध नहीं होंगे.

यह कदम भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा पर बढ़े तनाव के बीच आया है. इस महीने की शुरुआत में आईआईटी के सूत्रों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कुल 53 चीनी ऐप की पहचान की गई है, जो यूजर्स के मोबाइल से डेटा चुरा सकते हैं.

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