दिल्ली, यूपी समेत देश के अधिकांश राज्य बिजली संकट का सामना कर रहे हैं. कई राज्यों को 2 से 8 घंटे बिजली कटौती को झेलना पड़ रहा है. इस बीच राजधानी में बिजली संकट गहरा रहा है. दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने दावा किया है कि दिल्ली में बिजली की सप्लाई करने वाले कई पावर प्लांट ऐसे हैं, जहां एक दिन का कोयला बचा है. उन्होंने कहा, रेलवे रैक की कमी के चलते राजधानी में कोयले का संकट पैदा हो रहा है. Power Cut: भीषण गर्मी के बीच कई राज्यों में 2 से 8 घंटे तक हो रही बिजली कटौती, जानें क्या है आपके राज्य का ताजा हाल.
सत्येंद्र जैन ने कहा, पूरे देश में कोयले की कमी है इसका सबसे बड़ा कारण रेलवे की उपलब्धता की कमी है. बिजली पावर प्लांट में बनाई जाती है और अगर प्लांट में कोयला खत्म हो जाएगा तो बिजली बनना बंद हो जाएगी. मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करूंगा कि वो हम तक कोयले पहुंचा दें.
दिल्ली में बिजली संकट
#WATCH | No (power) back up... back up should be that of coal of over 21 days, but at many power plants, less than a day's coal left. Can't function on a day's back up...: Delhi Minister Satyendar Jain on looming power crisis pic.twitter.com/66FpnOeWDe
— ANI (@ANI) April 29, 2022
दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मेट्रो ट्रेन और अस्पतालों सहित महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को निर्बाध बिजली आपूर्ति में संभावित बाधा आने को लेकर एक बड़ी चेतावनी दी है. सत्येंद्र जैन ने कहा, आमतौर पर पावर प्लांट के पास कोयले का 21 दिन का स्टॉक होना चाहिए. लेकिन दिल्ली को बिजली सप्लाई करने वाले कुछ पावर प्लांट ऐसे हैं, जिनके पास सिर्फ एक दिन का कोयले का स्टॉक बचा है.
जैन ने कहा कि वर्तमान में, दिल्ली में बिजली की 25-30 प्रतिशत मांग इन बिजली स्टेशनों के माध्यम से पूरी की जा रही है और वे कोयले की कमी का सामना कर रहे हैं. मंत्री ने कहा, "ये बिजली स्टेशन दिल्ली के कुछ हिस्सों में बिजली कटौती को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और गर्मी के मौसम में दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन (डीएमआरसी), अस्पतालों और लोगों को बिजली की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने लिए भी जरूरी हैं.''
जैन ने कहा, कहा कि सरकार स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही है और यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है कि लोगों को बिजली की कमी का सामना न करना पड़े.
बताया जा रहा है कि भीषण गर्मी के चलते बढ़ी हुई बिजली की मांग और कोयले की कमी के चलते देश में यह संकट पैदा हुआ है.