Popcorn Tax Explained: मूवी टिकट के साथ महंगा पड़ेगा पॉपकॉर्न, 3 तरह के GST से ना हों कंफ्यूज; समझें टैक्स का पूरा गणित

पॉपकॉर्न पर GST का मुद्दा इन दिनों एक बड़ी बहस का केंद्र बन गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की बैठक में पॉपकॉर्न के लिए अलग-अलग टैक्स दरें तय की गईं, जिनमें नमकीन और कैरामलाइज्ड पॉपकॉर्न शामिल हैं.

Popcorn Tax Explained: मूवी टिकट के साथ महंगा पड़ेगा पॉपकॉर्न, 3 तरह के GST से ना हों कंफ्यूज; समझें टैक्स का पूरा गणित
Representational Image | Pixabay

Popcorn Tax Explained: पॉपकॉर्न पर GST का मुद्दा इन दिनों एक बड़ी बहस का केंद्र बन गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की बैठक में पॉपकॉर्न के लिए अलग-अलग टैक्स दरें तय की गईं, जिनमें नमकीन और कैरामलाइज्ड पॉपकॉर्न शामिल हैं. सरकार ने एक ही प्रोडक्‍ट पर 3 तरह से जीएटी लगाकर पूरा मामला ही उलझा दिया है. राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया मीडिया तक पर इसे लेकर बहस शुरू हो गई है. सरकार की ओर से इसपर स्पष्टीकरण भी जारी किया गया. लेकिन इसे लेकर अभी भी लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं.

हर किसी के मन में सवाल यह है कि मूवी थिएटर में पॉपकॉर्न खरीदते समय ग्राहकों को कितना टैक्स चुकाना पड़ेगा. पॉपकॉर्न पर टैक्स दरें इसकी प्रकार और बिक्री के तरीके पर निर्भर करती हैं. मूवी थिएटर में लूज रूप में खरीदा गया पॉपकॉर्न सस्ता विकल्प है. अगर आप कैरामल पॉपकॉर्न के शौकीन हैं, तो आपको अधिक टैक्स देने के लिए तैयार रहना होगा.

मूवी थिएटर में पॉपकॉर्न पर कितना टैक्स लगेगा?

मूवी थिएटर में पॉपकॉर्न आमतौर पर लूज रूप में बेचा जाता है, जो इसे कम टैक्स दायरे में लाता है. थिएटर में लूज रूप में बेचा जाने वाला पॉपकॉर्न रेस्टोरेंट की तरह 5% जीएसटी के तहत आता रहेगा. हालांकि, अगर पॉपकॉर्न और मूवी टिकट को एक साथ बेचा जाता है, तो इसे संयुक्त आपूर्ति (Composite Supply) माना जाएगा और टैक्स दर मूवी टिकट की मुख्य आपूर्ति के आधार पर तय होगी. यानी कि आपको मूवी टिकट के साथ पॉपकॉर्न नहीं खरीदना है. ऐसा किया तो करीब 6 गुना ज्‍यादा जीएसटी चुकाना होगा.

दुकान से खरीदने पर महंगा मिलेगा पॉपकॉर्न का पैकेट

जीएसटी काउंसिल ने अपनी हालिया बैठक में कहा था कि अगर नमक वाला पॉपकॉर्न पैकेट में पैक करके लेबल लगाकर बेचा जाता है तो उस पर 12 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा. अब अगर आप दुकान में मिलने वाला कंपनियों का लेबल लगा पॉपकॉर्न खरीदेंगे तो यह आपको महंगा पड़ेगा. इसपर 12 फीसदी GST लगेगा. आसान भाषा में कहें तो अब आपको अपने गली-मोहल्‍ले की दुकान पर महंगा पॉपकॉर्न मिलेगा.

पॉपकॉर्न पर टैक्स दरें समझें

नॉन-ब्रांडेड पॉपकॉर्न: जीएसटी काउंसिल ने यह स्पष्ट किया है कि नमक और मसालों के साथ मिलाए गए नॉन-ब्रांडेड पॉपकॉर्न पर 5% जीएसटी लगेगा.

ब्रांडेड पॉपकॉर्न: ब्रांड के तहत पैकेट में बेचे जाने वाले पॉपकॉर्न पर जीएसटी बढ़कर 12% हो जाता है.

कैरामलाइज्ड पॉपकॉर्न: चीनी के साथ बनाए गए पॉपकॉर्न, जिसे कैरामलाइज्ड पॉपकॉर्न कहा जाता है, इस पर 18% जीएसटी लगेगा. निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि कैरामल पॉपकॉर्न में चीनी मिलाने से इसका स्वरूप बदल जाता है, और इसलिए इसे नमकीन के बजाय शुगर कन्फेक्शनरी के रूप में टैक्स किया जाता है.


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