हिन्दू कोर्ट की पहली महिला जज का विवादित बयान, कहा- गोडसे से पहले पैदा होती तो महात्मा गांधी को मैं मारती

हिंदू अदालत की पहली जज डॉ पूजा शकुन पांडे ने कहा कि, नाथू राम गोडसे गांधी के हत्यारे नहीं थे अगर नाथू राम गोडसे से पहले मैं पैदा होती तो मैं ही गांधी को मार देती.

(Picture: File Photo)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मेरठ में गठित पहली हिंदू अदालत की जज डॉ पूजा शकुन पांडे नियुक्ति के तुरंत बाद ही अपने विवादित बयान को लेकर सुर्ख़ियों में आ गई हैं. खुद को सामाजिक कार्यकर्ता और गणित की प्रोफेसर बताने वाली पूजा पांडे ने कहा उन्हें गर्व है कि वो और उनका संगठन अखिल भारत हिंदू महासभा नाथू राम गोडसे को पूजता है. वो गांधी के हत्यारे नहीं थे. उन्हें भारतीय संविधान लागू होने से पहले सजा दे दी गई थी. उन्होंने आगे कहा, 'मैं गर्व से कहती हूं कि अगर नाथू राम गोडसे से पहले मैं पैदा होती तो मैं ही गांधी को मार देती. यह भी सुन लीजिए, अगर आज भी कोई गांधी पैदा होगा जो देश बांटने की बात करेगा तो नाथू राम गोडसे भी इसी पुण्य भूमि पर पैदा होगा.’

बता दें कि अखिल भारतीय हिंदू महासभा की तरफ से बुधवार को मेरठ में शरिया कोर्ट की तर्ज पर भारत की पहली हिंदू अदालत स्थापित करने का ऐलान किया गया. जिसमे पहली न्यायाधीश की तौर पर अलीगढ़ की डॉ पूजा शकुन पांडे को नियुक्त किया गया. महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक शर्मा का कहना है कि हिंदू अदालतों में जमीन विवाद, मकान और विवाह के मामले आपसी सहमति से सुलझाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर को उन नियमों को सार्वजनिक किया जाएगा जिनके अनुसार 'हिंदू अदालत' काम करेंगी.

इसी के साथ 2 अक्टूबर को अदालत का बायलॉज सार्वजनिक करने और नाथूराम गोडसे के फांसी के दिन 15 नवंबर को यूपी के पांच अन्य जिलों में इस तरह की अदालत खोलने का दावा भी किया गया. साथ ही कहा गया कि हिंदू धर्म खतरे में हैं और एससी-एसटी ऐक्ट हिंदुओं को आपस में भिड़ाने वाला है.

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