
Puja Khedkar Anticipatory Bail: हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व आईएएस प्रशिक्षु पूजा खेडकर को यूपीएससी परीक्षा में धोखाधड़ी (UPSC Cheating Case) के आरोप में अग्रिम जमानत प्रदान की है. उन पर आरोप है कि उन्होंने ओबीसी और विकलांगता कोटे के तहत गलत जानकारी देकर परीक्षा में बैठने के प्रयास किए. दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.
सुप्रीम कोर्ट ने पूजा खेडकर को अग्रिम जमानत प्रदान करते हुए कहा कि यदि वह जांच में सहयोग करती हैं, तो गिरफ्तारी से बच सकती हैं. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से मामले की जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया है. पूजा ने आरोपों को नकारते हुए कहा है कि वह जांच में पूरी तरह सहयोग करेंगी.
पूजा खेड़कर का मामला: UPSC में धोखाधड़ी की कहानी
1. आलीशान गाड़ी और वीआईपी रवैया
पूजा खेडकर पुणे में ट्रेनिंग के दौरान एक ऑडी कार में घूम रही थीं, जिस पर लाल-नीली बत्ती और 'महाराष्ट्र सरकार' की प्लेट लगी थी. लेकिन यह गाड़ी किसी सरकारी विभाग की नहीं थी, बल्कि एक प्राइवेट कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड थी.
2. ट्रेनिंग में अफसर से ज़्यादा रौब
जब पूजा को असिस्टेंट कलेक्टर के तौर पर जॉइनिंग मिली, तो उन्होंने सीनियर अफसरों के बराबर सुविधाएं मांगीं – जैसे गाड़ी, बंगला और सरकारी दफ्तर. पुणे कलेक्टर ने शिकायत दर्ज की कि पूजा ऑफिस में वरिष्ठ अफसर का चैंबर भी कब्जा करने की कोशिश कर रही थीं.
SC grants anticipatory bail to ex-IAS probationer Puja Khedkar in UPSC cheating case
— Press Trust of India (@PTI_News) May 21, 2025
3. पिता की पावर का गलत इस्तेमाल
जब पूजा से गाड़ी की VIP प्लेट हटाने को कहा गया, तो उनके पिता (जो खुद रिटायर्ड IAS अफसर हैं) जिला प्रशासन पर दबाव बनाने लगे. उन्होंने चुनाव लड़ते समय अपनी संपत्ति करीब 40 करोड़ बताई थी, लेकिन पूजा ने UPSC को OBC कोटे के लिए संपत्ति सिर्फ 8 लाख से कम बताई.
4. फर्जी दस्तावेज और OBC कोटे का दुरुपयोग
पूजा खुद OBC नॉन-क्रीमी लेयर की बताकर कोटे का लाभ ले रही थीं, जबकि उनके पिता की संपत्ति और स्टेटस इसे साबित नहीं करते. उन्होंने अपने माता-पिता के तलाक का हवाला देकर खुद को OBC लाभ के योग्य बताया.
5. विकलांगता के झूठे दावे
पूजा ने UPSC में विकलांगता कोटे से भी फायदा उठाने की कोशिश की. उनके द्वारा जमा किया गया विकलांगता सर्टिफिकेट एक ऐसे पते से था जहां एक फैक्ट्री है, घर नहीं. उन्होंने आधार कार्ड की जगह राशन कार्ड लगाकर सर्टिफिकेट बनवाया, जो नियमों के खिलाफ है.
6. मेडिकल टेस्ट से बचने की कोशिश
पूजा ने 6 बार मेडिकल टेस्ट देने से इनकार किया और एक बार COVID पॉजिटिव होने की बात कही. उन्होंने एक प्राइवेट हॉस्पिटल की रिपोर्ट UPSC को दी, जबकि सरकारी मेडिकल बोर्ड की जांच अनिवार्य थी.
7. बार-बार नाम बदलकर परीक्षा देना
पूजा ने 2019 से 2021 के बीच अलग-अलग नामों से UPSC परीक्षा दी – पहले 'पूजा दिलीप खेड़कर', फिर 'Dilip P.' और 2021 में 'Deelip' बन गईं. इससे यह शक और गहरा हो गया कि वह पहचान छुपाकर बार-बार परीक्षा देना चाह रही थीं.
8. नियमों की अनदेखी
जहां OBC कैंडिडेट्स को 35 साल और 9 बार परीक्षा देने की छूट है, पूजा ने 11 बार परीक्षा दी. वहीं जनरल कैटेगरी में अधिकतम उम्र सीमा 32 साल और 6 बार की छूट है.
9. CAT और दूसरी परीक्षाओं में भी विवाद
पूजा ने CAT 2020 में भी फर्जी जानकारी दी थी और NLU दिल्ली में एडमिशन के लिए गलत दस्तावेज दिए. इसके चलते उनका 2023 में एडमिशन रद्द हो गया.
10. सुप्रीम कोर्ट से राहत
सुप्रीम कोर्ट ने पूजा खेडकर को अग्रिम जमानत दी है, यह कहते हुए कि अगर वह जांच में पूरा सहयोग करती हैं, तो गिरफ्तारी से बच सकती हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी अर्जी पहले खारिज कर दी थी.