West Bengal Polls 2021: ममता बनर्जी के सामने एक और चुनौती, TMC के वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए बीजेपी ने बनाया नया प्लान
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अब चंद महीने ही रह गए है. इस चुनावी सरगर्मी के बीच पक्ष-विपक्ष के नेताओं में जुबानी जंग तेज हो गई है. जबकि सभी राजनीतिक दल अधिक से अधिक सीटों पर कब्जा जमाने के लिए हर रणनीति अपना रहें हैं.
West Bengal Assembly Elections 2021: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अब चंद महीने ही रह गए है. इस चुनावी सरगर्मी के बीच पक्ष-विपक्ष के नेताओं में जुबानी जंग तेज हो गई है. जबकि सभी राजनीतिक दल अधिक से अधिक सीटों पर कब्जा जमाने के लिए हर रणनीति अपना रहें हैं. इसी क्रम में बीजेपी ने भी सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वोट बैंक में सेंधमारी करने के लिए मास्टर प्लान बनाया है. बीजेपी के इस पैंतरे से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चिंता बढ़ सकती है. West Bengal Assembly Election 2021: बिहार के बाद अब पश्चिम बंगाल के चुनावी रण में दम दिखाएंगे असदुद्दीन ओवैसी, बीजेपी या टीएमसी किसे होगा नुकसान?
बीजेपी किसी भी चुनाव में मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट नहीं देती है, इस धारणा को दूर करने के लिए भगवा पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा ने पश्चिम बंगाल में मुस्लिम कैडर तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की है. माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में टीएमसी के वोटरों को अपने पाले में लाने के लिए बीजेपी ने यह कदम उठाया है.
बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हाजी जमाल सिद्दीकी ने आईएएनएस को बताया, "चुनावी राजनीति में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व बढ़ाने का समय है और बीजेपी इस पर काम कर रही है." सिद्दीकी ने कहा कि अल्पसंख्यक मोर्चा ने पश्चिम बंगाल में लगभग 50 अल्पसंख्यक बहुल विधानसभा सीटों की पहचान की है और उनका मानना है कि इनमें से कुछ सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार आगामी चुनाव लड़ेंगे.
बीजेपी नेता ने बताया कि चुनावी राजनीति में मुसलमानों के प्रतिनिधित्व में गिरावट आई है, जिसे ठीक करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, "पंचायत से संसद तक, मुस्लिम प्रतिनिधित्व समय के साथ गिर गया है. लोगों ने हमें (बीजेपी) मुसलमानों को टिकट न देने के लिए भी दोषी ठहराया है, जो कि सच नहीं है, क्योंकि टिकट एक विशेष उम्मीदवार के जीतने वाले कारक पर दिया जाता है. हमने चुनावी राजनीति में मुस्लिम उपस्थिति को सुधारने के लिए काम करना शुरू कर दिया है."
अपनी योजना के बारे में बात करते हुए, सिद्दीकी ने कहा कि बीजेपी जमीनी स्तर पर अपने मुस्लिम नेताओं को तैयार कर रही है. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के लिए विवरण साझा करते हुए, सिद्दीकी ने कहा कि लगभग 50 मुस्लिम बहुल विधानसभा सीटों पर पार्टी को न केवल बूथ स्तर की समितियों के लिए कार्यकर्ता मिले, बल्कि इसे 'पन्ना प्रमुख' भी मिले और उनमें से कुछ के पास चुनावी राजनीति में अच्छा प्रदर्शन करने की बहुत क्षमता है.
उन्होंने कहा, "हम इस मानसिकता को बदलने और पार्टी के मुस्लिम कार्यकर्ताओं को संभावित उम्मीदवारों के रूप में तैयार करने के लिए काम कर रहे हैं. हमने पश्चिम बंगाल में इन मुस्लिम बहुल विधानसभा क्षेत्रों पर काम करना शुरू कर दिया है. हमें विश्वास है कि हमारे द्वारा सुझाए गए कुछ मजबूत मुस्लिम नेताओं को आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी का टिकट मिलेगा."
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव को सर्वोच्च प्राथमिकता मानकर जुटी बीजेपी सीएम ममता से सत्ता छिनने के लिए कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखना चाहती है. बीजेपी नेताओं का दावा है कि सूबे में पार्टी को किसी अन्य दल के चुनावी सहयोग की जरुरत नहीं है. बीजेपी अपने दम पर बंगाल की 294 सदस्यी विधानसभा में 200 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करेगी. हालांकि, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी के 200 से अधिक सीट लाने के लक्ष्य का माखौल उड़ाया है. और दावा किया है कि बीजेपी उम्मीदवारों की अधिकतर सीटों पर जमानत तक जब्त हो जाएगी.
जम्मू-कश्मीर और असम के बाद पश्चिम बंगाल में मुस्लिम आबादी सबसे अधिक है. राज्य में लगभग 30 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है. इनमें से कम से कम 24 फीसदी बंगाली भाषी मुस्लिम हैं. हालांकि पहाड़ी और जंगलमहल क्षेत्रों में मुस्लिम आबादी कम है, लेकिन उत्तर, दक्षिण और मध्य बंगाल में बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक रहते हैं. 2011 जनगणना के हिसाब से मुर्शिदाबाद में 66.27% , बीरभूम में 37%, नदिया में 27%, उत्तर दिनाजपुर में 50%, दक्षिण दिनाजपुर में 25%, कूचबिहार में 25.54%, अलीपुरद्वार में 9% और मालदा में 51.3% मुस्लिम आबादी है. यानी की कई विधानसभा सीटों पर मुस्लिम आबादी ही नेताओं की किस्मत का फैसला करती है. ऐसे में बीजेपी का यह नया दांव ममता बनर्जी पर भारी पड़ सकता है. (एजेंसी इनपुट के साथ)