लखनऊ, 28 दिसंबर: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गरीब बच्चों के बचपन को संवारने का फैसला लिया है. इसी कारण मिशन शक्ति अभियान के तहत बालश्रम और भिक्षावृत्ति से जुड़े बच्चों को चिन्हित करने का कार्य शुरू हो गया है. इस माह की थीम भिक्षावृत्ति, बालश्रम और मानव तस्करी के उन्मूलन पर आधारित है. उत्तर प्रदेश के समस्त जिलों में ऐसे बच्चों के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है. बच्चों को सम्मान और सुरक्षा देने के लिए जिला स्तर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से इस कार्य को शुरू किया गया है. इसके तहत इन बच्चों का प्राथमिक विद्यालयों में दाखिला कराने के साथ ही उनको आर्थिक तौर पर मदद कर सशक्त बनाया जा रहा है.
अधिकारियों की ओर से जनपदीय स्तर पर राशनकार्ड धारकों की सूची तैयार की जा रही है. लखनऊ मंडल के मुख्य परिवीक्षा अधिकारी सर्वेश कुमार पांडे ने बताया कि इस कार्य में श्रम विभाग, पुलिस विभाग, महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग की टीमें बच्चों को चिन्हित कर उनका सर्वेक्षण कर रहीं हैं. इनका दाखिला कराने संग हाइजिन किट और बच्चों को खाद्य सामग्री बांटी जा रही है.
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जिला प्रोबेशन अधिकारी (डीपीओ) सुधाकर शरण पांडे ने बताया कि मिशन शक्ति अभियान की इस माह की थीम को ध्यान में रखते हुए विभाग की ओर से इस कार्ययोजना को तैयार किया गया है. उन्होंने बताया कि योगी सरकार के मिशन शक्ति अभियान के जरिए बच्चों को सरकारी योजना का लाभ दिलवाने के उद्देश्य से विभाग द्वारा सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं को शहर के चौराहों, ब्लॉक को गोद लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. जिसके तहत चाइल्डलाइन, बाल कल्याण समिति समेत 50 एनजीओ ने राजधानी के 31 चौराहों को गोद लिया है. गोद लेने की प्रक्रिया के शुरू होने से संस्थाओं द्वारा चिन्हित बच्चों को योजना का लाभ सीधे तौर पर मिल रहा है.
प्रदेश में गरीब बच्चों से जबरन बालश्रम व भिक्षावृत्ति कराए जाने के खिलाफ इस बड़ी मुहिम को प्रदेश भर में चलाया जा रहा है. जिससे एक ओर प्रदेश में बाल मजदूरी, बाल अपराधों के मामलों में गिरावट आ रही है वहीं दूसरी ओर दूसरे राज्यों में रोजगार के लिए पलायन करने वाले परिवारों की संख्या में भी गिरावट आई है.