उत्तर प्रदेश सरकार ने वरिष्ठ IAS अधिकारी के खिलाफ जांच के दिए आदेश, कई स्थानों पर बेनामी संपत्ति रखने और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का लगा आरोप
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के खिलाफ जांच के आदेश दिए है. अधिकारी पर नोएडा, ग्रेटर नोएडा और लखनऊ सहित अन्य स्थानों पर बेनामी संपत्ति रखने के अलावा अपनी आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है. इसी के कारण वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ 'गुप्त' सतर्कता जांच शुरू की गई है.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार ने एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के खिलाफ जांच के आदेश दिए है. अधिकारी पर नोएडा, ग्रेटर नोएडा और लखनऊ सहित अन्य स्थानों पर बेनामी संपत्ति रखने के अलावा अपनी आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है. इसी के कारण वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ 'गुप्त' सतर्कता जांच शुरू की गई है.
एक उच्च पदस्थ सूत्र के अनुसार, राज्य पशुपालन विभाग में सचिव के रूप में तैनात एस.के सिंह केखिलाफ जांच शुरू की गई है. विशेष सचिव आर.पी.सिंह (R.P Singh) ने 1 अक्टूबर को जांच के आदेश जारी किए. सूत्रों के अनुसार, एस.के सिंह के खिलाफ 6 और 19 अगस्त को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के एक वकील से प्राप्त दो शिकायतों के बाद जांच का आदेश दिया गया.
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मुख्यमंत्री कार्यालय को मिलीं शिकायतों को जांच के लिए राज्य सतर्कता विभाग के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) को भेज दिया गया था. आर.पी. सिंह द्वारा जारी आदेश में जांच समय पर पूरा करने के लिए कहा गया है. सूत्र ने कहा कि मामले की जांच सतर्कता विभाग के एक अधिकारी द्वारा की जा रही है, जिसके पास वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) का पद है.
वकील ने शिकायतों में आरोप लगाया है कि अधिकारी ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के महाप्रबंधक के रूप में कार्यरत रहते हुए अपने परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों के नाम पर 'बड़ी मात्रा में बेनामी संपत्ति' अर्जित की. एस.के. सिंह इससे पहले बांदा, चंदौली और फरु खाबाद के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में काम कर चुके हैं. उन्होंने मेरठ और मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के रूप में भी अपनी सेवाएं दी हैं.