UP Election Result: ससुर-बहू थे तिलहर के चुनावी मैदान में, लेकिन तीसरे के सिर सजा जीत का सेहरा, स्वामी प्रसाद मौर्य के एक और समर्थक को लगा झटका
राजनीति अक्सर परिवारों को तोड़ने की ताकत रखती है और उत्तर प्रदेश का शाहजहांपुर इसका उदाहरण है. यहां के तिलहर से समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार रोशन लाल वर्मा हार गए है, उनके सामने इसी सीट पर उनकी बहू सरिता यादव भी चुनाव लड़ीं, लेकिन वो भी परास्त हुयीं. जबकि बाजी बीजेपी की सलोना कुशवाहा मार गयीं.
लखनऊ: राजनीति अक्सर परिवारों को तोड़ने की ताकत रखती है और उत्तर प्रदेश का शाहजहांपुर इसका उदाहरण है. यहां के तिलहर से समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार और स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के समर्थक रोशन लाल वर्मा (Roshan Lal Verma) हार गए है, उनके सामने इसी सीट पर उनकी बहू सरिता यादव भी चुनाव लड़ीं, लेकिन वो भी परास्त हुयीं. जबकि बाजी बीजेपी की सलोना कुशवाहा मार गयीं. UP Election Result: अपना 94वां चुनाव भी हार गए हसानुराम अंबेडकरी, जमानत भी हो गई जब्त, बनाना चाहते है हारने की सेंचुरी!
जानकारी के अनुसार, रोशन लाल वर्मा जहां समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं सरिता राष्ट्रीय समाज पार्टी के टिकट पर चुनावी रण में थीं. रोशन लाल वर्मा ने जनवरी महीने में स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ बीजेपी छोड़ दी थी और सपा में शामिल हो गए थे.
यहां देखें कैसा रहा मुकाबला-
उधर, सरिता ने अपने ससुर पर लोगों की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने का आरोप लगाया. सरिता यादव एक बार संवाददाताओं से कहा था कि वह उनके खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं, क्योंकि वह उनका पदार्फाश करना चाहती हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि वर्मा ने तिलहर क्षेत्र में कई लोगों की भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है और बड़ी संख्या में यादवों और मुस्लिम समुदाय के लोगों के खिलाफ फर्जी मामले दर्ज किए हैं.
उन्होंने दावा किया कि निगोही थाने के सामने की जमीन उनके पति विनोद कुमार के नाम पर है, मगर उस पर भी उनके ससुर का कब्जा है. सरिता ने कहा कि 2019 में उनके पति की मृत्यु हो गई और वह अपनी आठ साल की बेटी के साथ क्षेत्र के मतदाताओं से उनका समर्थन और वोट मांगने के लिए संपर्क कर रही हैं.
हालांकि वर्मा ने सरिता को अपनी बहू होने से इनकार किया है, लेकिन सरिता ने अपने अभियान के लिए छपे पोस्टरों में खुद को वर्मा की बहू होने का दावा किया है. वर्मा ने पहले कहा था, वह (सरिता यादव) झूठे दावे कर रही है. उसके पास इसका कोई सबूत नहीं है. वह हमारी छवि खराब करने की साजिश रच रही है. वह चुनाव मैदान में है, लेकिन इससे मेरी छवि पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. हालांकि जनता ने दूसरे चरण (14 फरवरी) में हुए मतदान में दोनों को नकार दिया.