UP Election 2022: अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जेब से निकाली लाल पोटली, कहा- यह 'अन्न' संकल्प भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकेगी

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक पार्टियों के नेता जनता तक अपनी बात पहुंचाने के लिए अलग-अलग तरीके अपना रहे है, ऐसे में शुक्रवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव के नए पैंतरे ने सियासी घमासान बढ़ा दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री मुजफ्फरनगर में राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रमुख जयंत चौधरी के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.

सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Photo Credits: ANI)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) से पहले सभी राजनीतिक पार्टियों के नेता जनता तक अपनी बात पहुंचाने के लिए अलग-अलग तरीके अपना रहे है, ऐसे में शुक्रवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के नए पैंतरे ने सियासी घमासान बढ़ा दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री मुजफ्फरनगर में राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रमुख जयंत चौधरी के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने अपनी जेब से एक लाल पोटली निकाली और कहा “मैं अपनी जेब में एक 'अन्न' संकल्प के लिए एक पोटली रखता हूं; लाल टोपी और लाल पोटली, भाजपा सरकार को हराने और हटाने के लिए. हम (रालोद-सपा) सबने यह संकल्प लिया है.” UP Elections 2022: डिप्टी केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव पर बोला हमला, कहा- एक बार फिर माफियाओं पर बुलडोजर चलेगा

मेरठ में संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस करते हुए अखिलेश ने कहा “जयंत चौधरी ने भाजपा के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दरवाजे बंद कर दिए हैं. हर वर्ग के लोग भाजपा के लिए दरवाजे बंद कर रहे हैं. मुझे खुशी है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों ने बीजेपी के लिए दरवाजे बंद कर दिए. इनके नेताओं को गांवों में दौड़ाया और पीटा जा रहा है. इनके पूर्व मुख्यमंत्री को जनता के बीच में अपमानित होना पड़ रहा है.”

उन्होंने किसानों से भारतीय जनता पार्टी से सावधान रहने की अपील करते हुए शुक्रवार को कहा कि सत्तारूढ़ दल की सरकार ने सिर्फ वोट की खातिर अपने विवादास्पद कृषि कानून वापस लिए हैं. उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि यदि उनके (सपा के) गठबंधन की सरकार बनी तो वे राज्य में इस तरह के किसी किसान विरोधी कानून को लागू नहीं होने देंगे.

सपा प्रमुख ने यह भी कहा, ''इस बार भाजपा को राजनीतिक पलायन का सामना करना पड़ेगा. क्या आपने नहीं देखा कि हमारे बाबा मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ की ओर इशारा करते हुए) को किस तरह का पलायन करना है. वह अयोध्या से टिकट मांग रहे थे. मथुरा और प्रयागराज से टिकट मांग रहे थे. भाजपा ने उनके लिए राजनीतिक पलायन इस तरह किया, कि उन्हें घर वापस भेज दिया गया है."

वहीं जयंत ने कहा कि सपा के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन बहुत मजबूत है और किसानों के हितों के लिए काम करने का लक्ष्य रखता है. जयंत ने कहा कि पहले लोगों को संदेह था कि क्या दोनों दलों के बीच गठबंधन होगा. उन्होंने अपने दादा चौधरी चरण सिंह को याद करते हुए कहा, ‘‘हमारा मेल काफी पहले हो गया था. हम उत्तर प्रदेश का विकास करना चाहते हैं और गठबंधन किया क्योंकि हम चौधरी चरण सिंह की लड़ाई को आगे ले जाना चाहते हैं.’’

उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव से पहले, भाजपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट मतदाताओं से संपर्क साध रही है. इस क्षेत्र से समुदाय के सदस्यों ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर साल भर चले प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. भाजपा नेताओं ने रालोद प्रमुख से अपनी पार्टी से हाथ मिलाने को भी कहा था और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को दिल्ली में जाट नेताओं के साथ एक बैठक की थी.

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