इटावा,27 मार्च : लखनऊ में शनिवार को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की विधायक दल की बैठक हुई. इसमें सपा के चुने हुए विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष (Leader of the Opposition) के नाम पर मुहर लगाई. लेकिन इस बैठक में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के चाचा व प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) को न्योता नहीं दिया गया था. मीटिंग में ना बुलाए जाने से नाराज शिवपाल ने कहा था कि वह 2 दिन से बैठक का इंतजार रहे थे. UP: विधानसभा में सीएम योगी को चुनौती देंगे अखिलेश यादव, चुने गए नेता प्रतिपक्ष
शनिवार को लखनऊ से इटावा (Etawah)पहुंचे शिवपाव यादव ने जसवंतनगर विधानसभा में श्रीमद् भागवत कथा सुनने पहुंचे. इस दौरान उनका दर्द छलक उठा. उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए रामायण (Ramayana) और महाभारत के चरित्रों का उदाहरण दिया. शिवपाल ने कहा भगवान राम (Ram) का राजतिलक होने वाला था, लेकिन उनको वनवास जाना पड़ा. इतना ही नहीं हनुमान जी (Hanuman) की भूमिका भी बेहद महत्वपूर्ण थी. क्योंकि अगर वह नहीं होते, तो राम युद्ध नहीं जीत पाते. ये भी याद रखें कि हनुमान ही थे, जिन्होंने लक्ष्मण की जान बचाई.
अंत में जीत सत्य की होती है
शिवपाल यादव ने कहा कि कठिन परिस्थितियां कभी-कभी आती हैं. आमजन ही नहीं, भगवान पर भी विषम परिस्थितियां आईं. कई संकट आए, लेकिन अंत में जीत सत्य की ही होती है. उन्होंने महाभारत के चरित्रों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि धर्मराज युधिष्ठिर को शकुनि से जुआ नहीं खेलना चाहिए था. अगर जुआ खेलना ही था तो दुर्योधन के साथ खेलते, लेकिन उन्होंने जुआ शकुनि के साथ खेला. ये सच है कि वह शकुनि ही थे, जिनकी वजह महाभारत हआ.
सपा ने दी सफाई
वहीं सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि 28 मार्च को सपा गठबंधन में शामिल सभी दलों के नेताओं को बुलाया गया है, जिसमें शिवपाल सिंह यादव , पल्लवी पटेल, ओम प्रकाश राजभर सहित अन्य नेता शामिल है. शिवपाल व पल्लवी के सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ने और अधिकृत रूप से सपा के विधायक होने के सवाल पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सभी सहयोगियों को एक साथ बुलाया जाएगा.