लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने रविवार को घोषणा की कि वह अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव उत्तर प्रदेश में अकेले लड़ेगी और किसी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी. मीडिया से बात करते हुए, BSP महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा (Satish Chandra Mishra) ने पुष्टि की, "हमारी पार्टी 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव किसी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन में नहीं लड़ेगी." उन्होंने कहा, "हमने कई मौकों पर स्पष्ट किया है. हम अकेले चुनाव लड़ेंगे और सरकार बनाएंगे." रामदास आठवले ने कहा, उत्तर प्रदेश का दलित वोट अब BSP के साथ नहीं.
यह पहली बार नहीं है जब BSP ने अगले साल का चुनाव अकेले लड़ने पर अपना इरादा स्पष्ट किया है. इससे पहले पार्टी सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने भी यही कहा था. BSP महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने एक बार फिर अकेले चुनाव में उतरने की बात साफ कर दी है. BSP द्वारा असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम के साथ संभावित गठबंधन की अटकलों के बीच यह घोषणा की गई है.
BSP नहीं करेगी गठबंधन
Our party (BSP) will not contest (the 2022 Assembly) elections in alliance with any other party. We have made it clear on many occasions. We will fight the polls alone and form the government: BSP General Secretary Satish Chandra Mishra (01.08) pic.twitter.com/eao4DpArwT
— ANI UP (@ANINewsUP) August 1, 2021
मायावती इस चुनाव में ब्राह्मण वोट बैंक को भी अपनी झोली में डालने के प्रयासों में जुटी हैं. बीएसपी के लिए यह राह आसान नहीं होगी. यूपी में 2014 से लेकर अभी तक बीजेपी को ब्राह्मण का समर्थन खूब मिल रहा है. ब्राह्मणों को बीएसपी से जोड़ने की जिम्मेदारी पार्टी के महासचिव सतीष चंद्र मिश्रा के कंधों पर है. बीएसपी महासचिव सतीष चंद्र मिश्रा ने 23 जुलाई को अयोध्या में ब्राह्मण सम्मेलन शुरुआत की है.
बता दें कि मायावती चार बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. उनकी पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के साथ गठबंधन किया था.
बता दें कि अन्य विपक्षी दलों द्वारा समाजवादी पार्टी पर बढ़ते हमलों के बीच, पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार को कांग्रेस और BSP की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाया. यादव ने कहा, ''BSP और कांग्रेस को तय करना चाहिए कि उनकी लड़ाई BJP से है या समजवादी पार्टी से.''