UP Election 2022: विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद सभी दलों ने जीत का किया दावा, SP बोली डिजिटल स्पेस के लिए बने नियम

निर्वाचन आयोग ने शनिवार को विधानसभा चुनावों की घोषणा कर दी है. यूपी में चुनावों की तारीखों के ऐलान के बाद सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने दावे किए हैं, भाजपा ने तिथियों का स्वागत करते हुए पूर्ण बहुतमत के साथ 300 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा किया है. वहीं सपा ने आयोग को डिजिटल स्पेस के लिए नियम बनाने की मांग उठाई है

अखिलेश यादव (Photo: Twitter)

UP Assembly Election 2022: निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने शनिवार को विधानसभा चुनावों की घोषणा कर दी है. यूपी में चुनावों की तारीखों के ऐलान के बाद सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने दावे किए हैं. भाजपा ने तिथियों का स्वागत करते हुए पूर्ण बहुतमत के साथ 300 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा किया है. वहीं सपा (SP) ने आयोग को डिजिटल स्पेस (Digital Space) के लिए नियम बनाने की मांग उठाई है. बसपा ने निष्पक्ष चुनाव का भरोसा जताते हुए कार्यकर्ताओं को अचार संहिता का पालन करने का निर्देश दिया है. कांग्रेस ने इन चुनावों में कांग्रेस पार्टी नौजवानों, किसानों, महिलाओं, श्रमिकों, व्यापारियों एवं आमजनों के हकों की लड़ाई की बात दोहराई है.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने कहा कि 2022 का चुनाव देश प्रदेश और गरीब के कल्याण के लिए होगा. भाजपा ने जिस प्रकार से गरीबों की सेवा की है. एक बार पुन: जनता स्पष्ट बहुमत देगी. हम 300 के पार जाएगे. विपक्षियों ने 15 साल यूपी को शासन किया यहां पर लूटा. भाजपा ने राशन, पक्के माकान जैसी तमाम योजनाएं जनता के हित में चलाई हैं। जनता हमें फिर आषीर्वाद देगी. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने जो गाइडलाइन तय की है उसका हम लोग पालन करेंगे. यह भी पढ़े: Assembly Elections 2022: यूपी में चुनाव की तारीखों के ऐलान पर क्या बोले सीएम योगी, अखिलेश और मायावती

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि 10 मार्च को भाजपा का सफाया होगा और इस दिन का इंतजार पूरा प्रदेश कर रहा था.  साथ ही अखिलेश ने चुनाव आयोग के उस आदेश पर भी आपत्ति जताई जिसमें कहा गया था कि 15 जनवरी तक कोई रैली नहीं होगी। इस मुद्दे पर अखिलेश ने बोला कि हम चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हैं, लेकिन चुनाव आयोग को डिजिटल स्पेस के लिए नियम बनाने चाहिए, क्योंकि सत्ताधारी दल इसका दुरुपयोग कर सकता है.

बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि यूपी सहित पांच राज्यों में विधानसभा आमचुनाव हेतु भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तिथि की घोषणा का स्वागत. आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि आयोग यह चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष, सुचारू व शान्तिपूर्वक कराने की अपनी जिम्मेदारी को जन अकांक्षा के अनुरूप पूरी मुस्तैदी से जरूर निभाएगा. खासकर सत्ताधारी पार्टी द्वारा हर चुनाव में नए-नए हथकण्डे अपनाकर आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने की प्रवृति घातक रूप से आम होती जा रही है, जिसपर इस चुनाव में पूरी गंभीरता से ध्यान देने एवं तत्परता के साथ उसके विरुद्ध कार्रवाई करने की चुनाव आयोग से खास अपील.

उन्होंने आगे कहा कि चुनाव लोकतंत्र का त्योहार है जिसके प्रति खासकर गरीब, मजदूर व मेहनतकश लोग अति-उत्साहित रहते हैं, जिनकी भावना व अधिकारों की विशेषकर वोटिंग वाले दिन हर प्रकार से रक्षा जरूर हो. नागरिकों के मताधिकार की रक्षा उनके मूलभूत अधिकार की तरह संविधान के मंशा के अनुरूप हो तो बेहतर. बसपा के सभी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं व उम्मीदवारों आदि को भी सख्त निर्देश है कि वे पार्टी अनुशासन के साथ-साथ आज से ही लागू आदर्श चुनाव आचार संहिता का कड़ाई के साथ अनुपालन करें.

कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका वाड्रा ने कहा कि 10 मार्च को उप्र के नौजवानों, किसानों, महिलाओं, श्रमिकों, व्यापारियों एवं आमजनों की जीत का मार्च होगा। इन चुनावों में कांग्रेस पार्टी नौजवानों, किसानों, महिलाओं, श्रमिकों, व्यापारियों एवं आमजनों के हकों की लड़ाई लड़ेगी. ज्ञात हो कि निर्वाचन आयोग ने शनिवार को पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया। उत्तर प्रदेश में आठ चरणों में मतदान होगा.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के लिए आम चुनाव सात चरण में होगा. उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 403 सीटों के लिए सात चरणों में मतदान होंगे. प्रदेश में दस फरवरी को पहले चरण, 14 फरवरी को दूसरे चरण, 20 फरवरी को तीसरे चरण, 23 फरवरी को चैथे चरण, 27 फरवरी को पांचवें चरण, तीन मार्च को छठे चरण तथा सात मार्च को सातवें चरण का मतदान होगा। इसके बाद दस मार्च को मतगणना होगी.

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