उन्नाव गैंगरेप केस: CBI को मिले BJP विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ सबूत
यूपी पुलिस ने सेंगर की पत्नी के मोबाइल पर आने वाले फोन नंबर को सर्विलांस पर डाला और आरोपियों को लखनऊ से ही गिरफ्तार कर लिया.
यूपी: उन्नाव गैंगरेप केस की जांच कर रही सीबीआई ने बीजेपी (BJP) विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर लगे रेप के आरोपों की पुष्टि कर दी है. सीबीआई ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत कोर्ट के समक्ष पीड़िता का बयान दर्ज किए. कोर्ट के समझ भी उसने वहीं बयान दिए जो उसने पुलिस को अपनी शिकायत में दिए थे. वही दूसरी तरफ गैंगरेप के आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर की पत्नी से CBI अधिकारी बनकर 1 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने वाले दो बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार आरोपियों ने विधायक की पत्नी को नकली CBI अधिकारी बनकर उनसे सेंगर के गैंगरेप केस में मदद करने और CBI से छुड़वाने का लालच दिखा रहे थे. शातिर आरोपियों ने सेंगर की पत्नी संगीता सिंह को पहले BJP नेता बनकर फोन किया. लेकिन जब बात नहीं बनी तो वे खुद को CBI का अधिकारी बताने लगे.
सेंगर की पत्नी ने पुलिस को बताया कि जब आरोपी उन्हें बार-बार फोन कर रिश्वत की मांग करने लगे तो उन्हें उनपर शक हुआ. जिसके बाद सेंगर की पत्नी ने लखनऊ के गाजीपुर थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई. मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की.
यूपी पुलिस ने सेंगर की पत्नी के मोबाइल पर आने वाले फोन नंबर को सर्विलांस पर डाला और आरोपियों को लखनऊ से ही गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने बताया कि आरोपियों में एक सिपाही बनना चाहता था, जबकि दूसरा एक ठेकेदार के यहां काम करने वाला कर्मचारी है.
गौरतलब है एक नाबालिग लड़की से गैंगरेप के आरोप में कुलदीप सेंगर न्यायिक हिरासत में हैं. तीन दिन पहले ही सेंगर को उन्नाव जेल से सीतापुर जेल शिफ्ट किया गया है. पीड़िता ने हाईकोर्ट में अपील कर कहा था उन्नाव जेल में रहते हुए सेंगर उसके परिवार के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं.
पीड़िता के पिता की पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामले में कुलदीप के भाई अतुल सिंह सेंगर सहित 5 आरोपी पहले से ही जेल में हैं. सभी आरोपियों को उन्नाव जेल में अलग-अलग बैरक में रखा गया है. जेल प्रशासन ने इन आरोपियों की सुरक्षा के लिए अलग से इंतजाम किए हैं.
BJP विधायक को सीतापुर जेल में किया गया शिफ्ट .
BJP विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को मंगलवार (8 मई) को सुबह उन्नाव जेल से सीतापुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया है. पीड़िता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक अपील दायर कर आरोपी विधायक को उन्नाव जेल से शिफ्ट करने की याचिका दायर की थी, जिसके बाद ये फैसला लिया गया.