राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा: रविशंकर प्रसाद ने कहा- नारी के न्याय और सम्मान का विषय, इसे राजनीति के चश्मे से न देखें

लोकसभा से पास होने के बाद तीन तलाक बिल आज राज्यसभा में पेश किया गया. बिल को पेश करते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह नारी न्याय, नारी सम्मान और नारी उत्थान का विषय है, ये इंसानियत और इंसाफ का सवाल है.

रविशंकर प्रसाद (Photo Credit- ANI)

लोकसभा से पास होने के बाद तीन तलाक बिल (Triple Talaq Bill) आज राज्यसभा (Rajya Sabha) में पेश किया गया. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने बिल को पेश किया. तीन तलाक बिल पर चर्चा के लिए राज्यसभा में चार घंटे का समय तय हुआ है, इसके बाद बिल पर वोटिंग होगी. सरकार के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है, इसलिए देखना होगा कि बिल पास होता है या एक बार फिर अटक जाता है. बिल को पेश करते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह नारी न्याय, नारी सम्मान और नारी उत्थान का विषय है, ये इंसानियत और इंसाफ का सवाल है.

कानून मंत्री ने कहा कि एक तरफ बेटियां फाइटर प्लेन चला रही हैं और दूसरी तरफ तीन तलाक की पीड़ित बेटियों को फुटपाथ पर नहीं छोड़ा जा सकता. उन्होंने सदन से बिल को पास करने की अपील की. कानून मंत्री ने कहा तीन तलाक के सवाल को सियासत और राजनीति के चश्मे से ना देखा जाए, यह सवाल इंसानियत और इंसाफ का सवाल है. यह नारी न्याय, नारी गरिमा और नारी उत्थान का सवाल है. यह मामला लैंगिक समानता और लैंगिक न्याय का है.''

यह लैंगिक समानता और लैंगिक न्याय का मामला- 

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी कार्रवाई नहीं हो पा रही थी और छोटी-छोटी बातों पर तीन तलाक दिया जा रहा था. हम इसी वजह से फिर से कानून लेकर आए हैं. उन्होंने कहा लोगों को शिकायतों के बाद बिल में कुछ बदलाव भी किए गए हैं. अब इसमें बेल और समझौता का प्रावधान भी रखा गया है. इस सवाल को वोट बैंक के तराजू पर न तौला जाए, यह सवाल नारी न्याय, नारी गरिमा और नारी उत्थान का सवाल है.

प्रसाद ने कहा, ''रोटी काली हो गई तीन तलाक, पत्नी ने सब्जी के लिए पैसा मांगा तो तीन तलाक, यहां तक पति पत्नी का अश्लील वीडियो बनाना चाहता था पत्नी ने मना किया तो तीन तलाक. यह सब मामले अखबारों में मौजूद हैं. इस देश की महिलाओं से हम क्या कहें कि फैसला हो गया है लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है. इसलिए हम कानून लेकर आए हैं. हमने कानून में संशोधन भी किए हैं.

राज्यसभा में तीन तलाक को अपराध बनाने वाले बिल को चर्चा और पास कराने के लिए लाया गया है. इस बिल में तीन तलाक को गैर कानूनी बनाते हुए 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान शामिल है. लोकसभा से बीती 25 जुलाई को यह बिल पास हो चुका है.

राज्यसभा में कुल सांसदों की संख्या 241 है. ऐसे अगर ट्रिपल तलाक बिल पास करवाना है तो 121 वोट की जरूरत पड़ेगी. राज्यसभा में बीजेपी के कुल 78 सांसद हैं. वहीं बीजेपी के सहयोगी दल (NDA) के सांसदों की संख्या इस प्रकार है, शिवसेना 3, एआईएडीएमके 11, शिरोमणी अकाली दल 3 के सांसद हैं. वहीं 12 मनोनीत और निर्दलीय सांसदों समेत कुल 113 सदस्यों का समर्थन हासिल है.

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