केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा- मोदी जैसा प्रधानमंत्री नहीं देखा
समाजवादी आंदोलन से सक्रिय राजनीति में आए बिहार के कद्दावर नेता और केंद्र सरकार के वरिष्ठतम मंत्री रामविलास पासवान का कहना है कि "मोदी जैसा प्रधानमंत्री उन्होंने नहीं देखा जिनके समय में मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद में इतना गहन विचार-विमर्श चलता हो
नई दिल्ली: समाजवादी आंदोलन से सक्रिय राजनीति में आए बिहार के कद्दावर नेता और केंद्र सरकार के वरिष्ठतम मंत्री रामविलास पासवान का कहना है कि "मोदी जैसा प्रधानमंत्री उन्होंने नहीं देखा जिनके समय में मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद में इतना गहन विचार-विमर्श चलता हो." बकौल पासवान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनियाभर में भारत का रुतबा बढ़ाया है. प्रधानमंत्री की कार्यशैली पर विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को लेकर पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा, "मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि मैंने छह प्रधानमंत्री के साथ काम किया है, लेकिन मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद की बैठक में जितना विचार-विमर्श नरेंद्र मोदी के समय होता है उतना पहले कभी नहीं देखा. "
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पासवान का कहना है कि प्रधानमंत्री सभी मंत्रियों की बात सुनते हैं और उनको अपना विचार रखने की पूरी स्वतंत्रता होती है. उन्होंने कहा, "मंत्रिपरिषद की सात-सात बैठकें हुई हैं, जिनमें प्रधानमंत्री ने सबसे कहा कि हम यहां देश का नक्शा रख रहे हैं। आपलोग इस पर अपना सुझाव दीजिए. इन बैठकों में कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री, सचिव, संयुक्त संचिव मौजूद थे. उन्होंने कहा कि आपलोग अपनी प्रतिक्रियाएं भी दीजिए."
मोदी सरकार ने वरिष्ठतम मंत्री ने हालांकि यह भी बताया कि प्रधानमंत्री के सामने बोलने के लिए जानकारी भी होनी चाहिए, क्योंकि वह पूरी तैयारी करके आते हैं. पासवान ने कहा, "मंत्रिपरिषद की बैठकें पांच-पांच, साता-सात घंटे चलीं, जिनमें लोगों ने खुलकर बाते रखीं। पहले लोग खूब बोलते थे लेकन अब प्रधानमंत्री जब खूब पढ़कर पूरी तैयारी के साथ आते हैं तो किसी विषय पर बोलने से पहले यह यह मालूम होना चाहिए कि प्रधानमंत्री को उस विषय की पूरी जानकारी है.
हालांकि देश में आर्थिक सुस्ती और भारत को 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था से जुड़े सवाल का उन्होंने जवाब नहीं दिया, लेकिन यह जरूर कहा कि मोदी की अगुवाई में दुनिया में देश का रुतबा बढ़ा है. पासवान ने कहा, "बीते पांच साल में दुनिया में देश का रुतबा और प्रधानमंत्री का रुतबा बढ़ा है. "