दिग्विजय सिंह पर उमा भारती ने कसा तंज, बोलीं- उन्हें लगता है कि आतंक और आतंकवादियों के पक्ष में बोलने से खुश हो जाएंगे भारत के मुसलमान

उमा भारती ने कहा कि कांग्रेस को ही मुसलमानों की देशभक्ति पर शंका है. इसलिए उनको ऐसा लगता है कि आतंक के पक्ष में बोलने में, आतंकवादियों के पक्ष में बोलने में, भारत का जो मुसलमान है वह खुश होता है.

दिग्विजय सिंह और उमा भारती (Photo Credits: PTI)

भोपाल: केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती ने बुधवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस एवं उसके वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को लगता है कि यदि वह (दिग्विजय) आतंक एवं आतंकवादियों के पक्ष में बोलेंगे तो भारत के मुसलमान खुश होंगे. इसलिए उनके निशाने पर हमेशा मुस्लिम वोट रहते हैं. पुलवामा आतंकवादी हमले को दिग्विजय द्वारा ट्विटर पर दुर्घटना लिखे जाने पर पूछे गए सवाल के जवाब में उमा ने यहां संवाददाताओं को बताया कि दिग्विजय जी जो कहते हैं उसमें उनके निशाने पर हमेशा मुस्लिम वोट रहते हैं. उमा भारती ने कहा कि कांग्रेस को ही मुसलमानों की देशभक्ति पर शंका है. इसलिए उनको ऐसा लगता है कि आतंक के पक्ष में बोलने में, आतंकवादियों के पक्ष में बोलने में, भारत का जो मुसलमान है वह खुश होता है.

आरएसएस की सार्वजनिक स्थानों पर शाखाएं लगाने पर प्रतिबंध लगाने की बात कांग्रेसी मंत्रियों द्वारा कहे जाने पर उन्होंने कहा कि संघ के जो स्वयंसेवक होते हैं, वे राष्ट्रवादी विचारधारा के लोग हैं. उनको इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता है. उन्होंने आगे कहा कि मैं तो यह सुझाव दूंगी दिग्विजय सिंह एवं कमलनाथ संघ की शाखा में जाया करें. इससे उनको देशभक्ति का पाठ सीखने को मिलेगा. उनकी भी समझ में आएगा कि देशभक्ति किसको कहते हैं.

उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी, दिग्विजय सिंह जी, (कांग्रेस अध्यक्ष) राहुल गांधी जी, खासकर दिग्विजय सिंह को तो संघ की शाखा में जाना बहुत जरूरी है, ताकि आतंकवाद से उनका जो लगाव है, हाफिज सईद से और ओसामा (बिन) लादेन से उनको जो प्यार है, वह कुंभ भी नहा आने, नर्मदा की परिक्रमा से भी कम नहीं होगा। वह संघ की शाखा में जाने से ही ठीक होगा. यह भी पढ़ें: पुलवामा आतंकी हमला: दिग्विजय सिंह ने मोदी सरकार को दी चुनौती, कहा- किसी में साहस है तो देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराएं

उमा भारती ने कहा कि कांग्रेस ने 1984 एवं 1991 में लोकसभा चुनाव में क्रमश: पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की शहादत का राजनीतिक रूप से भुनाने की कोशिश की. इन्हें (कांग्रेसियों) तो शर्म आनी चाहिए.

विवादास्पद रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद मामले पर अदालत में चल रहे मुकदमें के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस पर हम कुछ भी नहीं कह सकते। सुप्रीम कोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से मक्का एवं वैटिकन सिटी में मंदिर नहीं बन सकता, उसी प्रकार अयोध्या में राममंदिर के अलावा कुछ नहीं बन सकता. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वहां मस्जिद बनाने की बात करने वाले खून खराबा करवाना चाहते हैं. हम ऐसा नहीं होने देंगे. हम चाहते हैं कि राममंदिर का समाधान हो जाए.

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