टीपू जयंती पर कर्नाटक की सियासत में उबाल: येदियुरप्पा ने लगाया मुसलमानों के तुष्टीकरण का इलजाम, डीके शिवकुमार ने कार्यक्रम को बताया सही
बता दें कि मैसूर रियासत के 18वीं सदी के शासक टीपू सुल्तान के जयंती समारोह को 2016 से राज्य सरकार 10 नवंबर को मनाते आ रही है. इस बार हालांकि, एचडी कुमारस्वामी सरकार ने गुपचुप तरीके से इस कार्यक्रम का स्थल विधानसौधाा से हटाकर एक गैरराजनीतिक स्थान पर कर दिया है.
भारत के दक्षिणी राज्य कर्नाटक में टीपू जयंती को लेकर फिर विवाद शुरू हो गया है. बीजेपी-कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी शुरू हो गया है. केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े द्वारा इस कार्यक्रम का विरोध करने के बाद अब सूबे के बीजेपी अध्यक्ष येदियुरप्पा भी उनके समर्थन में आगये हैं. येदियुरप्पा ने टीपू जयंती पर कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर कर्नाटक सरकार की आलोचना की है.
कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बीएस यदियुरप्पा ने कहा, "हम इस कार्यक्रम का विरोध कर रहे हैं. सरकार टीपू जयंती मानकर केवल मुसलमानों को संतुष्ट करना चाहती हैं."
वहीं, कांग्रेस के दिग्गज नेता और कुमारस्वामी सरकार में मंत्री डीके शिवकुमार ने बीजेपी पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि टीपू सुल्तान का इतिहास काफी लंबा है. उनकी जयंती मनाने में मुझे कहीं कोई बुराई नजर नहीं आती. बीजेपी हिंदू-मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना चाहती हैं.
बता दें कि मैसूर रियासत के 18वीं सदी के शासक टीपू सुल्तान के जयंती समारोह को 2016 से राज्य सरकार 10 नवंबर को मनाते आ रही है. इस बार हालांकि, एचडी कुमारस्वामी सरकार ने गुपचुप तरीके से इस कार्यक्रम का स्थल विधानसौधाा से हटाकर एक गैरराजनीतिक स्थान पर कर दिया है.