थाईलैंड के सुधारवादी नेता पीटा लिमजारोएनराट संसद से निलंबित
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

थाईलैंड की संवैधानिक अदालत ने बुधवार को सुधारवादी पीटा लिमजारोएनराट को निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही चुनाव में शानदार जीत के बावजूद उनके देश का प्रधानमंत्री नेता बनने की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है.यह निलंबन ठीक उसी समय जारी किया जब पीटा संसद में विचार-विमर्श के लिए बैठे थे कि क्या वह प्रधानमंत्री बन सकते हैं. प्रधानमंत्री बनने की पिछले हफ्ते उनकी पहली कोशिश में 51 वोट कम पड़ गए थे. पीटा की मूव फॉरवर्ड पार्टी (एमएफपी) को ऐसे युवा और शहरी लोगों का समर्थन मिला है जो लगभग एक दशक से सेना-समर्थित शासन से ऊब चुके हैं. हालांकि उनके सरकार बनाने के प्रयास मई के चुनावों के बाद से लड़खड़ा गए हैं.

रुढ़िवादियों के निशाने पर पीटा

एमएफपी के आर्थिक सुधार मंच को थाईलैंड का रूढ़िवादी प्रतिष्ठान पुरजोर विरोध करता है. फिलहाल पीटा को संसद छोड़ने का आदेश दिया गया है. बुधवार को देश की संवैधानिक अदालत ने यह भी कहा है कि वह इस मामले पर सुनवाई करेगी कि क्या पीटा को एक मीडिया कंपनी में शेयर रखने के लिए संसद से पूरी तरह से अयोग्य ठहराया जाना चाहिए. थाईलैंड के संविधान के तहत सांसदों को मीडिया कंपनियों में हिस्सेदारी रखना मना है. हालांकि जिस टेलीविजन स्टेशन की यहां बात हो रही है, उसने 2007 से प्रसारण नहीं किया है.

पीटा हार्वर्ड से शिक्षित हैं और साथ ही धनी भी. उनका परिवार कृषि-खाद्य व्यवसाय में है. पीटा ने कहा है कि शेयर उन्हें उनके पिता से विरासत में मिले थे. थाई कानून के तहत पीटा प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में खड़े हो सकते हैं, लेकिन उन्हें निचला सदन छोड़ना होगा और वे मतदान भी नहीं कर पाएंगे.

सत्ता में सेना का दखल

निलंबन की खबर आने के साथ ही पीटा के दर्जनों समर्थक संसद के बाहर पुलिस के घेरे पर गुस्से में चिल्लाने लगे. थाईलैंड की सीनेट में सैन्य नियुक्तियों की भरमार है. पिछले सप्ताह 249 सीनेटरों में से केवल 13 ने पीटा के लिए मतदान किया था. निलंबन जारी होने के तुरंत बाद पीटा चैंबर में ही रहे. उन्होंने कसम खाई है कि अगर उनका दूसरा प्रयास विफल रहता है तो वह गठबंधन सहयोगी के लिए सरकार बनाने का रास्ता बनाने के लिए अलग हट जायेंगे.

यह पहला मामला नहीं है जब संवैधानिक न्यायालय ने राजनीति में हस्तक्षेप किया हो. थानाथॉर्न जुआनग्रोनग्रुंगकिट जो कि एमएफपी की पूर्ववर्ती पार्टी के अरबपति नेता थे, उनको इसी शेयरधारिता नियम का उल्लंघन करने के लिए 2019 सांसद के पद से निलंबित कर दिया गया था.

एचवी/एनआर (एएफपी)