तेलंगाना विधान सभा चुनाव:
टीआरएस (TRS)- 86
कांग्रेस (Congress)- 22
बीजेपी (BJP)- 02
अन्य - 09
तेलंगाना (Telangana) विधानसभा चुनाव (Assembly Election) के नतीजे आज आ जायेंग. तेलंगाना में विधानसभा की 119 सीटों पर वोटों की गिनती मंगलवार को सुबह आठ बजे शुरू होगी और दोपहर तक रूझानों से स्थिति का आकलन किया जा सकेगा. चुनाव आयोग ने सूबे में 43 स्थानों पर मतगणना केन्द्र बनाए है. जिसमें से अधिकतर केन्द्र जिला मुख्यालयों में हैं. भारी सुरक्षा के बीच सभी ईवीएम मशीनें को सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में खोला जाएगा. राज्य में शुक्रवार को खत्म हुए चुनाव में 73.20 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था.
तेलंगाना में पहले विधानसभा चुनाव के नतीजों के बारे में एक्जिट पोल और सर्वेक्षण के आधार पर अनुमानों और अटकलों से राजनीतिक हलकों में गहमागहमी जारी है. सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति और विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले पीपुल्स गठबंधन दोनों ही बहुमत के साथ नई सरकार बनाने का विश्वास जता रहे हैं. वहीं, बीजेपी को उम्मीद है कि वह सूबे में भले ही अकेले सरकार नहीं बना सकती लेकिन किंगमेकर का किरदार निभा सकती है. बीजेपी ने उम्मीद जताई है उसके खाते में अबकी बार सीटों की संख्या बढ़कर पांच से अधिक होंगी और वह सरकार गठन में बड़ी भूमिका निभायेगी.
एक्जिट पोल के परिणाम आने के बाद राज्य में राजनीतिक दलों की गतिविधियां तेज हो गई. बीजेपी ने टीआरएस को बहुमत से कम सीटें आने पर समर्थन का संकेत दिया वहीं एआईएमआईएम ने भी केसीआर का साथ देने की घोषणा की है. जबकि तेलंगाना में एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव से मिलकर अपना समर्थन व्यक्त किया और कहा कि उन्हें विश्वास है कि टीआरस फिर से सत्ता में लौटेगी.
बहरहाल कांग्रेस नीत गठबंधन ने उम्मीद जताई कि वह केसीआर को सत्ता से बेदखल करेगी और अगली सरकार बनाएगी. इसने राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन से कहा कि अगर किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है तो इसे एक दल के तौर पर लिया जाना चाहिए.
बता दें कि साल 2014 के चुनाव में बीजेपी-टीडीपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था और उसने कुल 119 में से 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी. राज्य में कुल 2.80 करोड़ मतदाता विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने जा रहे थे. इस चुनाव के लिए कुल 32,815 मतदान केंद्र बनाए गए थे. तेलंगाना विधानसभा चुनाव मूल रूप से अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ-साथ होना था लेकिन राज्य कैबिनेट की सिफारिश के मुताबिक 6 सितंबर को विधानसभा भंग कर दी गई थी.