नई दिल्ली: बिहार एनसीपी के पूर्व अध्यक्ष तारिक अनवर ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. तारिक अनवर का कहना है कि, "मेरी नाराजगी राफेल को लेकर पार्टी से है. देश में राफेल घोटाला हुआ, लेकिन जो बयान शरद ने दिया वह बयान ठीक नहीं था. मेरा इस्तीफा राफेल को लेकर हुआ है." तारिक अनवर के इस्तीफा देने के बाद एनसीपी में हलचल मच गई है. वहीं, बिहार में सियासत भी तेज हो गई है. तारिक अनवर के अचानक पार्टी छोड़ने के फैसले से पार्टी कार्यकर्ताओं में आश्चर्य है.
तारिक अनवर ने 1999 में सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मु्द्दे पर कांग्रेस से बगवात कर शरद पवार के साथ मिलकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की नींव रखी थी. और अब राफेल मुद्दे पर शरद पवार के बयान के बाद तारिक ने पार्टी को अलविदा कह दिया है. अनवर ने एनसीपी छोड़ने के साथ-साथ लोकसभा सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है.
शरद पवार का एहसानमंद रहूंगा
तारिक अनवर ने पार्टी से इस्तीफा देने वाले फैसले के बारे में कहा है कि 'यह फैसला लेना मेरे लिए बहुत कठिन था. क्योंकि, 20 साल से मैं इस पार्टी से जुड़ा था. पार्टी अध्यक्ष शरद पवार का मैं हमेशा एहसानमंद रहूंगा. उन्होंने हमेशा से ही पार्टी में मुझे उच्च दर्जा दिया है. उन्होंने कहा कि यह फैसला आसान नहीं था, लेकिन कभी-कभी राजनीति में आपको कठोर फैसला लेना पड़ता है.
राफेल डील पर पवार के बयान से नाराजगी
इस्तीफे के बाद तारिक अनवर ने कहा कि, "मेरी नाराजगी राफेल को लेकर पार्टी से है. देश में राफेल घोटाला हुआ, लेकिन जो बयान शरद ने दिया वह बयान ठीक नहीं था. मेरा इस्तीफा राफेल को लेकर हुआ है." उन्होंने कहा कि राफेल को लेकर पार्टी अध्यक्ष के बयान आने के बाद मुझे लगा कि उस बयान का खंडन आ जाएगा, लेकिन बयान देने के 24 घंटे बाद भी कोई खंडन नहीं आया.
इसके बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का भी उनके समर्थन में ट्वीट आया. जिसके बाद भी बयान का खंडन नहीं किया गया. खंडन नहीं आने से मुझे लगा कि पार्टी की यही धारणा है, तो मैंने अपना फैसला ले लिया.अमित शाह द्वारा शरद पवार के बयान का स्वागत करना अपने आप में महत्वपूर्ण बात है. यह भी पढ़ें- मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018: राहुल गांधी का दावा- कांग्रेस की सरकार सूबे की सूरत बदलेगी
तारिक लौट सकते हैं कांग्रेस में
एनसीपी से इस्तीफा देने के बाद अटकले लगाई जा रही हैं कि वे एक बार फिर कांग्रेस में वापसी कर सकते हैं. हालांकि अनवर ने अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की. उन्होंने कहा, "मैंने अभी कोई फैसला नहीं लिया है. अपने करीबियों से चर्चा के बाद फैसला लूंगा. साथ ही उन्होंने कहा, ''मैं कांग्रेस में रह चुका हूं. एनसीपी भी कांग्रेस से ही निकली और कांग्रेस की विचारधारा को आगे बढ़ाया.'' सूत्रों की मानें तो अनवर को कांग्रेस की ओर से पार्टी में शामिल होने के लिए ऑफर भी किया गया है साथ ही कहा गया है कि अगर वह पार्टी ज्वॉइन करना चाहते हैं तो वह उनका स्वागत करेंगी." यह भी पढ़ें- बिहार में जारी है पोस्टर वार: कांग्रेस को जवाब देने के लिए BJP ने लगवाई नई होर्डिंग
सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मामला गलत
कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा के बीच तारिक अनवर ने सोनिया गांधी के विदेशी मूल के बारे में बोलते हुए कहा कि यह मुद्दा 2004 में समाप्त हो गया. सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मामला उठाना गलत था, मुझे अपनी गलती का एहसास है.''
बता दें कि तारिक अनवर ने 1999 में शरद पवार के साथ कांग्रेस पार्टी छोड़कर एनसीपी बनाई थी. उस समय दिवंगत पीए संगमा, शरद पवार और तारिक अनवर ने सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था.