Smriti Irani Slams Rahul Gandhi: स्मृति ईरानी का राहुल गांधी पर तंज, कहा-पहले के सांसद सिर्फ वोट मांगने आते थे
केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण और कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर तंज कसा कि पहले यहां के सांसद सिर्फ चुनाव में वोट मांगने आते थे. स्मृति ईरानी ने गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी का दौरा किया.
अमेठी, 7 जनवरी: केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण और कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का नाम लिए बगैर तंज कसा कि पहले यहां के सांसद सिर्फ चुनाव में वोट मांगने आते थे. स्मृति ईरानी ने गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी (Amethi) का दौरा किया. लखनऊ (Lucknow) से सड़क मार्ग होते हुए परशदेपुर पहुंचीं स्मृति ने स्वर भारती विद्यालय में लोक निर्माण विभाग द्वारा बनने वाली 6.46 करोड़ की सड़कों और पुल का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर तंज कसा कि पहले यहां के सांसद सिर्फ चुनाव में वोट मांगने आते थे.
उन्होंने कहा कि, "वर्षो से सांसद से वंचित अमेठी, वर्षो से सांसद संपर्क से वंचित सलोन विधानसभा भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यकर्ताओं के कर कमलों के द्वारा निरंतर सेवा को प्राप्त करेगा. इस संकल्प को साकार होते देख जनता जनार्दन ने मुझे 2019 में दीदी से सांसद बनाया. आज आप सबके सम्मुख आपके स्नेह देने के लिए आपके चरणों में प्रणाम करने के लिए आपका आभार व्यक्त करते हैं."
अमेठी सांसद ने आगे कहा कि, "साल 2014 में मुझे याद है जब मैं आपके बीच में आई तो संघर्षो से भरा सलोन विधानसभा त्राहिमाम कर रहा था. बहनों को सक्षम बनाने का कोई साधन मिले. परिवारों को सिर ढकने के लिए छत मिले. नवजवानों को शिक्षा का साधन मिले और सलोन विधानसभा का नागरिक प्रगति के पद पर नई उम्मीदों के साथ देश के साथ और अमेठी जनपद के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चले. उसी श्रंखला में आज जब आपके मध्य में आई हूं, तो मुझे इस बात का गौरव होता है कि प्रधानमंत्री ने सलोन विधानसभा में डेढ़ साल में यहां की बहनों को जीवन में पहली बार 30 हजार 800 से ज्यादा गैस सिलिंडर मुहैया कराए. "
स्मृति ईरानी ने कहा, "सलोन विधानसभा क्षेत्र और अमेठी लोकसभा क्षेत्र ने ऐसा समय देखा जब सांसद पांच साल में एक दफा वोट मांगने नजर आते थे और उसी सलोन विधानसभा क्षेत्र में कुछ दिन पूर्व डीह ब्लाक में हमने प्रधानमंत्री की मन की बात बैठकर सुनी, तब पहली बार यहां की जनता को एक ऐसा चित्र देखने को मिला की सांसद, विधायक और जिले के अधिकारी खड़े थे और जनता सामने से अपना प्रस्ताव ला रही थी."