नई दिल्ली: भोपाल से बीजेपी की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर (Sadhvi Pragya Singh Thakur) का शहीद हेमंत करकरे (Hemant Karkare) को लेकर दिया गया बयान उनकी पार्टी के लिए मुसीबत बनता जा रहा है. यही कारण है कि बीजेपी (BJP) ने प्रज्ञा ठाकुर (Sadhvi Pragya Singh Thakur) के बयान से दूरी बनाकर उसे उनकी निजी राय कहा है. बीजेपी (BJP) के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'बीजेपी का स्पष्ट मानना है कि स्वर्गीय हेमंत करकरे आतंकियों से बहादुरी से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। बीजेपी ने हमेशा उन्हें शहीद माना है.
बता दे कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर (Sadhvi Pragya Singh Thakur) के उस बयान से दूरी बनाई कि आईपीएस अधिकारी हेमंत करकरे उनके द्वारा दिए गए शाप की वजह से 26-11 के मुंबई आतंकी हमलों में मारे गए थे. यह भी पढ़े-नेता बनते ही साध्वी प्रज्ञा के बिगड़े बोल, कहा- 26/11 हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे को दिया था मैंने श्राप, मिली कर्मों की सजा
Pragya Singh Thakur, BJP LS candidate from Bhopal, on her statement on Mumbai ATS Chief late Hemant Karkare: I felt that the enemies of the country were being benefited from it, therefore I take back my statement and apologize for it, it was my personal pain. pic.twitter.com/j7pzrKf6G5
— ANI (@ANI) April 19, 2019
बीजेपी (BJP) ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि यह उनकी निजी राय है जो सालों तक उन्हें मिली शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना की वजह से हो सकती है. यह भी पढ़े-साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को मालेगांव धमाके में मिल गई क्लीन चिट ?
मामले को लेकर विवाद बढ़ता देख प्रज्ञा ठाकुर (Sadhvi Pragya Singh Thakur) ने देर शाम को हेमंत करकरे पर दिया गया अपना बयान वापस ले लिया. उन्होंने कहा कि 'मैंने महसूस किया कि देश के दुश्मनों को इसका फायदा हो रहा है, इसलिए मैं अपना बयान वापस लेती हूं और इसके लिए माफी मांगती हूं. यह मेरी व्यक्तिगत पीड़ा थी.'
गौरतलब है कि 29 सितंबर 2008 को नासिक (Nashik) के मालेगांव (Malegaon) शहर में एक बाइक में बम लगाकर विस्फोट किया गया था. इसमें 7 लोगों की मौत हुई थी और करीब 100 लोग जख्मी हो गए थे. इस मामले में साध्वी प्रज्ञा (Sadhvi Pragya Thakur) और कर्नल पुरोहित को अक्तूबर 2008 में गिरफ्तार किया गया था. प्रज्ञा पर मकोका अधिनियम की विभिन्न धाराएं भी लगाई गई थीं. साध्वी (Sadhvi Pragya Singh Thakur) पर मालेगांव ब्लास्ट के साथ ही साथ सुनील जोशी की हत्या का भी आरोप है.