थम गई राजस्थान कांग्रेस की अंदरूनी कलह? एक साथ दिखे सचिन पायलट और अशोक गहलोत

राजस्थान की राजनीति में सब की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच चल रहा मनमुटाव अब खत्म हो जाएगा. हाल ही में कुछ ऐसा हुआ है जिससे लग रहा है कि शायद दोनों नेता पुरानी बातें भुलाकर एक साथ आ सकते हैं.

2025-06-06 को, यानी कुछ दिन पहले, सचिन पायलट ने अशोक गहलोत के घर जाकर उनसे मुलाकात की. इस मुलाकात ने सबको चौंका दिया, क्योंकि पिछले कुछ सालों से दोनों के बीच रिश्ते अच्छे नहीं थे. यह मुलाकात एक घंटे से ज़्यादा चली और दोनों नेताओं ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी भी दी.

आज, यानी 11 जून को, सचिन पायलट के पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि पर दौसा में एक बड़ा कार्यक्रम हो रहा है. इस कार्यक्रम में सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों एक साथ शामिल हो रहे हैं. इसे एक बड़ा राजनीतिक संकेत माना जा रहा है.


क्यों थी दोनों के बीच तकरार?

पायलट और गहलोत के बीच की तकरार काफी पुरानी है. 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद थी, क्योंकि उन्होंने पार्टी को मज़बूत करने में बड़ी भूमिका निभाई थी. लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया और पायलट को उप-मुख्यमंत्री का पद मिला.

इसके बाद से ही दोनों के रिश्ते कभी सहज नहीं हुए. जुलाई 2020 में, सचिन पायलट ने गहलोत के खिलाफ बग़ावत कर दी थी, आरोप लगाया था कि उनकी बात नहीं सुनी जा रही और उनके समर्थकों को किनारे किया जा रहा है. इस संकट ने राज्य सरकार को मुश्किल में डाल दिया था, और कांग्रेस को किसी तरह बीच-बचाव कर मामले को सुलझाना पड़ा था.

तब से, राजस्थान कांग्रेस में एक तरह से दो अलग-अलग खेमे काम कर रहे थे - एक गहलोत के वफादार और दूसरा पायलट के.


राजेश पायलट को श्रद्धांजलि

आज दौसा में हो रहा यह कार्यक्रम, राजेश पायलट के गृह क्षेत्र और संसदीय क्षेत्र में है, अब सिर्फ एक श्रद्धांजलि सभा से कहीं ज़्यादा हो गया है.

आज सुबह, सचिन पायलट ने अपने दिवंगत पिता को 'X' (पहले ट्विटर) पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, "उनकी जनसेवा, ईमानदारी और साहस हमेशा मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत रहेंगे. उन्होंने किसान, युवा सहित हर तबके के मान-सम्मान और सशक्तिकरण का संकल्प लिया - अपने सरल व्यवहार, कड़ी मेहनत और देश के प्रति समर्पण से वे हर दिल में जगह बनाने में कामयाब रहे. उन्हें मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि और शत-शत नमन."

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी राजेश पायलट को याद करते हुए कहा, "भारत का विकास सही मायने में तभी होगा जब किसान और मज़दूर के बच्चे पढ़-लिखकर उन पदों तक पहुंचेंगे, जहां से इस देश की नीतियां बनती हैं." उन्होंने राजेश पायलट को "किसानों का हितैषी" और "कांग्रेस पार्टी का वरिष्ठ नेता" बताया.