Maharashtra: आरटीआई के जवाबों के अनुसार महाराष्ट्र के विपक्षी नेता देवेंद्र फडणवीस ने 22 महीने में लिखे 231 पत्र
देवेंद्र फडणवीस ( फोटो क्रेडिट- IANS )

मुंबई, 15 अक्टूबर: भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने सिर्फ अपने बयानों से, बल्कि कलम का इस्तेमाल कर भी महा विकास अघाड़ी सरकार पर निशाना साधते रहते हैं. एक आरटीआई के जरिए इस बात की जानकारी मिली है. सत्तारूढ़ शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस गठबंधन और विशेष रूप से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर नियमित रूप से निशाना साधने वाले फडणवीस अपने कलम से भी एमवीए सरकार पर सवालों की झड़ी लगाते हैं.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय सीएमओ से एक आरटीआई जवाब के अनुसार, लगभग 22 महीनों में फडणवीस ने सीएमओ को विभिन्न मुद्दों पर रिकॉर्ड 231 पत्र लिखे. आरटीआई कार्यकर्ता प्रफुल सारदा ने कहा, "नवंबर 2019 से सितंबर 2021 तक 22 महीने की अवधि में, हर महीने लगभग 10 पत्र या एक कार्य सप्ताह में लगभग 3 पत्र लिखे गए. "यह भी पढ़े: Maharashtra: देवेंद्र फडणवीस के सीएम वाले बयान पर शरद पवार ने ली चुटकी, कहा- मैं 4 बार रहा लेकिन मुझे याद भी नहीं

सारदा ने अन्य बातों के अलावा, विपक्ष के नेता (फडणवीस) द्वारा मुख्यमंत्री (ठाकरे) को भेजे गए पत्रों की संख्या की मांग करते हुए, सीएमओ से आरटीआई के जरिए जवाब मांगा था, जिसमें इस बात का खुलासा हुआ. सारदा ने बताया, यह उन प्रकाशित पत्रों की संख्या से 7 गुना से अधिक है जो पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपनी प्यारी नाबालिग बेटी इंदिरा (प्रियदर्शिनी) को तब लिखी थी, जब वह स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जेलों में बंद थे. इसे बाद में एक साहित्यिक कृति 'लेटर्स फ्रॉम ए फादर टू हिज डॉटर' के रूप में प्रकाशित किया गया. "

सूत्रों का कहना है कि आमतौर पर फडणवीस ज्यादातर राज्य से संबंधित या राजनीतिक मुद्दों के बारे में मुख्यमंत्री को लिखते हैं, और शुरूआती दिनों में, उनके पत्रों ने एमवीए के नए मंत्रियों और अधिकारियों को परेशान किया. आधिकारिक सूत्र आश्चर्य करते हैं, यदि माननीय नेता प्रतिपक्ष ने इतने कम समय में वास्तव में इतने पत्र लिखे हैं, तो 'यह एक प्रकार का रिकॉर्ड हो सकता है. 'उनके द्वारा लिखे गए कुछ पत्र में से कई को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया है, जिसमें उन्होंने प्रासंगिक वर्तमान मुद्दों को उठाया है. इन पत्रों ने काफी सुर्खिया बटोरी हैं.