लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद अब बिहार में होने जा रहे उपचुनाव में महागठबंधन के दल अलग-अलग रास्ते ढूंढ़ने की कोशिश करने में जुटे हैं. इस बीच, हालांकि राजद ने अपने तेवर नरम कर लिए हैं. महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने बिहार में अकेले उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है, वहीं हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (Hindustani Awam Morcha) और विकासशील इंसान पार्टी (Vikassheel Insaan Party) ने भी एक-एक सीट पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से सीधे लड़ाई लड़ने की घोषणा कर दी.
राजद ने चार सीटों पर प्रत्याशी उतारने की घोषणा करते हुए प्रत्याशियों के नाम भी घोषित कर दिए हैं. कांग्रेस ने भी सभी पांच सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की बात करते हुए लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद को बड़ा झटका दिया है.
बिहार कांग्रेस ने बड़ा फैसला लेते हुए उपचुनाव में पांच सीटों पर अकेले किस्मत आजमाने का फैसला किया है. पार्टी के प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि पार्टी ने पांचों सीटों पर पैनल तैयार किया है. पैनल से तैयार पांचों नाम कांग्रेस आलाकमान को भेजा गया है और अब आगे का स्वरूप आलाकमान ही तय करेगा. उन्होंने कहा कि बैठक में अधिकांश लोगों का मत अकेले चुनाव लड़ने की थी.
बिहार विधानसभा की पांच सीटों- नाथनगर, बेलहर, सिमरी बख्तियारपुर, दरौंधा और किशनगंज में 21 अक्टूबर को चुनाव होना है. इस बीच राजद के वरिष्ठ नेता और पार्टी के उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने मामले को संभालने की कोशिश की है. सिंह ने कहा, "हमलोग सभी महागठबंधन में हैं और आगे भी रहेंगे."
उन्होंने अपने अंदाज में कहा, "कोई दो-चार सीट पर जीतकर क्या सरकार बना लेगा? अभी बिगड़ा नहीं हैं, बात होगी और सब कुछ ठीक हो जाएगा." इधर, राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि कांग्रेस राजद का नैसर्गिक साथी है. कुछ नेता भले ही कुछ कह रहे हों, परंतु दोनों दलों के नेता साथ ही चुनाव में उतरेंगे.
उल्लेखनीय है कि राजद ने सिर्फ किशनगंज विधानसभा और समस्तीपुर लोकसभा सीट कांग्रेस के लिए छोड़ दिया है. गठबंधन के किसी और दल के लिए कोई सीट नहीं छोड़ी गई है. इससे नाराज हम ने जहां नाथनगर में अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं, वहीं, वीआईपी ने सिमरी बख्तियारपुर के लिए प्रत्याशी देने का ऐलान कर दिया है. राजद ने अपनी चार सीटों के लिए नाम तय कर दिए हैं.