राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने किसानों के मान-सम्मान को सर्वोपरि बताते हुए रविवार को कहा कि केंद्र सरकार को ‘‘जिद और जबरदस्ती से पारित कराये गए’’ अपने केंद्रीय कृषि कानूनों को तत्काल वापस लेना चाहिए. पायलट ने 26 जनवरी को नयी दिल्ली में ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान हुई हिंसक घटनाओं की निष्पक्ष जांच कराने की भी मांग की है ताकि असली दोषियों का पता चल सके. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किस दबाव में यह कानून लाई और किस मजबूरी में वह इन्हें वापस नहीं ले रही है, इसे लेकर बड़े सवाल उठने लगे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘पहले तो केंद्र सरकार ने अपनी जिद और जबरदस्ती से, लोकतांत्रिक परंपराओं को ताक पर रखकर ये कानून पारित कराये. जिन किसानों के कथित भले के लिए ये कानून लाए गए, वे खुद इसके विरोध में दो महीने से आक्रोशित और आंदोलनत हैं तो सरकार इन्हें वापस क्यों नहीं ले रही है. केन्द्र इन कानूनों को तुंरत वापस ले.’’ यह भी पढ़े: Farmers Protest: सचिन पायलट ने SC के फैसले का किया स्वागत, कहा-केंद्र को समझना चाहिए अन्याय व अहंकार से न्याय के संघर्ष की आवाज को नहीं दबा सकते हैं
पायलट ने यहां ‘पीटीआई- से कहा, ‘‘मेरा मानना है कि लगभग दो महीनों से सड़कों पर बैठे देश के अन्नदाता, किसानों का मान-सम्मान सर्वोपरि है और अगर वे खुद मानते हैं कि ये कानून उसके हित में नहीं हैं तो इन्हें वापस लेना उचित मांग है और सरकार को अपनी जिद तथा अडियल रवैया छोड़कर इन कानूनों को वापस लेना चाहिए.’’