केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- राफेल विमान की खरीदारी पीएम मोदी के निर्णायक क्षमता के कारण हुई संभव
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Photo Credits: IANS)

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने फ्रांस में मंगलवार को कहा कि राफेल सौदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की निर्णायक क्षमता के कारण संभव हुआ. राजनाथ दो सीटों वाले राफेल लड़ाकू विमान के एक प्रशिक्षण संस्करण में 30 मिनट की उड़ान भरने के तत्काल बाद बोल रहे थे. मल्टी-रोल विमान ने दसॉ एविएशन के संयंत्र के पास एक हवाईपट्टी से भारतीय समयानुसार शाम 7.24 बजे उड़ान भरी, जो लगभग 30 मिनट की थी. विमान भारतीय समयानुसार शाम 7.54 बजे वापस उतरा.

इस उड़ान को दसॉ एविएशन के मुख्य परीक्षण पायलट फिलिप डुकेटू ने उड़ाया. सिंह ने उड़ाप पूरी होने के बाद मीडिया चैनलों से कहा, "राफेल विमान के भारतीय अधिग्रहण का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाना चाहिए. यह उनकी निर्णायक क्षमता के कारण संभव हुआ. भारत फरवरी 2021 तक प्रथम 18 राफेल विमान प्राप्त कर लेगा. अप्रैल-मई 2022 तक हमें सभी 36 विमान मिल जाएंगे."

यह भी पढ़ें : फ्रांस ने भारत को सौंपा पहला राफेल लड़ाकू विमान, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ‘ऊं’ लिखकर की शस्त्र पूजा और भरी उड़ान, देखें वीडियो

पॉयलट डुकेटू ने बताया कि राफेल विमान सुपरसोनिक रफ्तार से तेज उड़ान भरी, और राजनाथ सिंह कॉकपिट के पीछे सीट पर बैठे हुए थे. फ्रांस के रक्षामंत्री फ्लोरेंस पार्ले ने पहला विमान राजनाथ को सौंपा. राजनाथ ने कहा, "राफेल विमान के अधिग्रहण के बाद भारत की सामरिक क्षमता निश्चित रूप से बढ़ी है. लेकिन यह हमले के लिहाज से नहीं, बल्कि आत्मरक्षा के लिहाज से."

राजनाथ ने पहला राफेल लड़ाकू विमान प्राप्त करने के बाद शस्त्र पूजन किया. उसके तत्काल बाद उन्होंने राफेल विमान में 30 मिनट की उड़ान भरी. जी-सूट में राजनाथ सिंह दो सीटों वाले राफेल विमान के एक प्रशिक्षण संस्करण के कॉकपिट में बैठे. भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने उन्हें सुरक्षा बेल्ट बांधने में मदद की. उन्होंने कॉकपिट से हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया.

राजनाथ फ्रांस के तीन दिवसीय दौरे पर हैं, जहां उन्होंने मेरिगनैक में दसॉ एविएशन के एक संयंत्र से पहला राफेल लड़ाकू विमान प्राप्त किया. इस मौके पर कंपनी के सीईओ एरिक ट्रैपियर और फ्रांस के रक्षामंत्री फ्लोरेंस पार्ले मौजूद थे. भारत ने फ्रांस और दसॉ के साथ 36 राफेल विमान के लिए एक अंतर-सरकारी समझौता किया है. इन विमानों की कीमत 59,000 करोड़ रुपये है. प्रथम चार विमानों की खेप मई 2020 तक भारत पहुंच जाएगी.