जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) में मचे सियासी संग्राम के बीच राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) और उनके खेमे के 18 विधायकों की अयोग्यता मामले की सुनवाई कर रहा है. कांग्रेस (Congress) ने हाल ही में बर्खास्त किए गए पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और अन्य विधायकों को राज्य विधानसभा से अयोग्य घोषित करने की मांग की है.
चीफ जस्टिस इंद्रजीत महंती (Indrajit Mahanty) और जस्टिस प्रकाश गुप्ता (Prakash Gupta) की बेंच के सामने दोनों पक्ष अपनी बात रख रहे है. वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे (Harish Salve) ने पायलट खेमे का प्रतिनिधित्व किया, जबकि अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Singhvi) ने गहलोत सरकार का पक्ष रखा. सुनवाई के दौरान हरीश साल्वे ने कहा कि घरों और होटलों में बैठकों के लिए व्हिप लागू नहीं किया जा सकता है, यह केवल सदन के भीतर कार्यवाही के लिए मान्य होता है. राजस्थान में अब वायरल ऑडियो पर छिड़ी जंग, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर लगा विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप, 2 FIR दर्ज
Hearing begins at Rajasthan High Court on a petition filed by Sachin Pilot & 18 other Congress MLAs against disqualification notices issued to them by the Assembly Speaker. pic.twitter.com/dpEuJgAxV4
— ANI (@ANI) July 17, 2020
राजस्थान कांग्रेस की विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होने पर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने पार्टी से बगावत करने के आरोप में सचिन पायलट और उनके 18 वफादार विधायकों को अयोग्यता संबंधी नोटिस जारी किया था, जिसके खिलाफ सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों ने राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
पायलट खेमे के विधायक पीआर मीणा ने 18 अन्य विधायकों की ओर से याचिका दायर की थी, जिन्हें हाल ही में बुलाई गई दो सीएलपी (कांग्रेस विधायक दल) की बैठकों में शामिल नहीं होने के लिए नोटिस जारी किया गया था. याचिका में सीपी जोशी पर आरोप लगाया है कि विधानसभा अध्यक्ष राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इशारे पर काम कर रहे है. इसमें कहा गया है कि विधायकों को डर है कि "विधानसभा अध्यक्ष निष्पक्षता के साथ हमारा पक्ष सुने बगैर गहलोत के निर्देश के अनुसार काम करेंगे." साथ ही विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी नोटिस की वैधता और औचित्य पर भी सवाल खड़े किए गए है.