Lok Sabha Election 2019: गोवा की रैली में राहुल गांधी ने कहा- CM पर्रिकर से शुरु की जाए गायब राफेल फाइलों की जांच
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Photo Credits: IANS)

पणजी: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के लिए मतदाताओं (Voters) को लुभाने का सिलसिला शुरु हो चुका है. शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Congress President Rahul Gandhi)  ने गोवा में एक रैली (Rally in Goa) को संबोधित किया, लेकिन इस रैली में भी राफेल डील (Rafale Deal) का मुद्दा छाया रहा. रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने राफेल डील में हुए भ्रष्टाचार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर निशाना साधा और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar) के खिलाफ भी जांच करने की मांग की. उन्होंने कहा कि गायब राफेल फाइलों की कोई भी जांच गोवा के मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर से शुरु होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि गायब राफेल फाइलों की तरह बीमार पर्रिकर के नेतृत्व वाली गोवा सरकार भी गायब है.

यहां रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में राफेल की फाइल गायब होने की बात कही, जिनमें लिखा है कि प्रधानमंत्री ने राफेल हवाई जहाज का दाम बढ़ाया. राफेल डील की फाइलें उसी तरह गायब हो गईं जिस तरह से गोवा में सरकार गायब हो गई है.

उन्होंने कहा कि अगर आप कोई जांच शुरु करना चाहते हैं तो गोवा के मुख्यमंत्री पर्रिकर से शुरू करें. पर्रिकर ने कैबिनेट की बैठक में साफ तौर पर कहा था कि राफेल की फाइलें उनके पास हैं और नरेंद्र मोदी उन्हें गोवा के मुख्यमंत्री पद से हटा नहीं सकते, क्योंकि जिस दिन वह ऐसा करेंगे, मैं राफेल की फाइलें सार्वजनिक कर दूंगा. यह भी पढ़ें: चोरी नहीं हुए राफेल के दस्तावेज, याचिकाकर्ताओं ने किया फोटोकॉपी का इस्तेमाल: अटॉर्नी जनरल

गौरतलब है कि अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि राफेल डील से जुड़े दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गए हैं, लेकिन उस बयान के ठीक एक दिन बाद शुक्रवार को यू टर्न लेते हुए उन्होंने कहा कि राफेल डील के दस्तावेज चोरी नहीं हुए हैं. अपने ही दिए हुए बयान पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट में कहना चाह रहे थे कि डील की जांच की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं ने दस्तावेज की फोटोकॉपी का इस्तेमाल किया था. उन्होंने कहा कि डील के दस्तावेज सरकार के सीक्रेट दस्तावेज थे.