मानहानि केस: सूरत कोर्ट में पेश हुए राहुल गांधी, कहा- मेरे सियासी विरोधी मुझे चुप कराने की कोशिश कर रहे हैं
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मानहानि के एक मामले में गुरुवार को सूरत कोर्ट में पेश हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि आपराधिक मानहानि के इस मामले में वह दोषी नहीं हैं. राहुल गांधी की दलील दर्ज किए जाने के बाद उनके वकीलों ने अगली सुनवाई में उनके निजी तौर पर उपस्थित रहने से स्थायी छूट मांगने वाला एक आवेदन दिया.
कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) मानहानि के एक मामले में गुरुवार को सूरत कोर्ट (Surat Court) में पेश हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि आपराधिक मानहानि के इस मामले में वह दोषी नहीं हैं. राहुल गांधी की दलील दर्ज किए जाने के बाद उनके वकीलों ने अगली सुनवाई में उनके निजी तौर पर उपस्थित रहने से स्थायी छूट मांगने वाला एक आवेदन दिया. याचिकाकर्ता के वकीलों ने छूट देने का विरोध किया तो कोर्ट ने कहा कि इस आवेदन पर वह 10 दिसंबर को फैसला करेगी. कोर्ट ने कहा कि उस तारीख पर अगली सुनवाई में राहुल गांधी को उपस्थित होने की कोई आवश्यकता नहीं है.
बता दें कि यह मामला राहुल गांधी की कथित टिप्पणी ‘सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों होता है’ से जुड़ा है. उधर, कोर्ट में पेशी के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा, 'मैं अपने राजनीतिक विरोधियों द्वारा मेरे खिलाफ दायर मानहानि मामले (Defamation Case) में पेश होने के लिए सूरत में हूं, जो मुझे चुप कराने के लिए दाखिल की गई है. मैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं के प्यार और समर्थन के लिए आभार व्यक्त करता हूं.'
उधर, राहुल गांधी के पेशी से पहले कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि लोकतंत्र में सत्ताधारी पार्टी को विपक्ष की आलोचना सहन करनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'राहुल जी ने कहा था कि ललित मोदी और नीरव मोदी चोर हैं और नरेंद्र मोदी असफल. बीजेपी ने उनके बयान को मोदी समुदाय से जोड़ दिया और उनका अपमान किया.' वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा कि कोर्ट ने राहुल गांधी को समन किया था इसलिए वे यहां आए हैं. उन्होंने कहा कि कानून को अपना काम करने देना चाहिए और जब कोर्ट फैसला देगा तब देखा जाएगा. अहमद पटेल ने कहा कि जो भी जज कहेंगे वह किया जाएगा. यह भी पढ़ें- सलमान खुर्शीद के राहुल गांधी वाले बयान पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कसा तंज, कहा- कांग्रेस ने माना, उसके पास न नेता, न नीति, न नीयत.
गौरतलब है कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बीएच कपाड़िया ने मई में राहुल गांधी के खिलाफ समन जारी किए थे. यह समन स्थानीय बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी की ओर से राहुल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद जारी किए गए थे. जुलाई में हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने राहुल को सुनवाई में निजी तौर पर पेश होने से छूट दी थी और अगली सुनवाई की तारीख 10 अक्टूबर नियत की थी.
सूरत पश्चिम विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने अपनी शिकायत में कहा था कि कांग्रेस नेता ने लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी टिप्पणी से पूरे मोदी समुदाय की मानहानि की है. यह वाद विचारार्थ स्वीकार करते हुए अदालत ने कहा था कि वायनाड से सांसद के खिलाफ प्रथम दृष्टया आपराधिक मानहानि का मामला बनता है. कर्नाटक में 13 अप्रैल को कोलार में अपनी एक प्रचार रैली के दौरान राहुल ने कथित तौर पर कहा था ‘‘नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी…. आखिर इन सभी का उपनाम मोदी क्यों है ? सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों होता है?’’ शिकायत में पूर्णेश मोदी ने कहा था कि कांग्रेस नेता ने अपनी इस टिप्पणी से पूरे मोदी समुदाय की मानहानि की है.