Punjab: इस्तीफे पर बोले नवजोत सिंह सिद्धू- हक और सच के लिए लड़ूंगा, समझौता मंजूर नहीं

नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को एक वीडियो संदेश जारी किया. पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू का ये पहला बड़ा बयान है. सिद्धू ने कहा कि वह अपने मुद्दों से समझौता नहीं कर सकते हैं. वे हक और सच की लड़ाई को वह लड़ते रहेंगे.

नवजोत सिंह सिद्धू (Photo Credits: PTI)

पंजाब में कांग्रेस का संकट सुलझने का नाम नहीं ले रहा रहा है. नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर पार्टी को झटका दे दिया है. नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को एक वीडियो संदेश जारी किया. पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू का ये पहला बड़ा बयान है. सिद्धू ने कहा कि वह अपने मुद्दों से समझौता नहीं कर सकते हैं. वे हक और सच की लड़ाई को वह लड़ते रहेंगे. Punjab Politics: नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा नहीं हुआ मंजूर, हाईकमान ने राज्य के नेताओं से अपने स्तर पर मामला सुलझाने को कहा.

सिद्धू ने कहा, मैं पंजाब के मुद्दों के लिए लंबे समय तक लड़ता रहा... दागी नेताओं, अधिकारियों की व्यवस्था थी, अब आप उसी प्रणाली को दोबारा नहीं दोहरा सकते... मैं अपने सिद्धांतों पर कायम रहूंगा. उन्होंने कहा, मैं अपनी नैतिकता, नैतिक अधिकार से समझौता नहीं कर सकता. मैं जो देख रहा हूं वह पंजाब में मुद्दों, एजेंडा के साथ समझौता है.

यहां देखें नवजोत सिंह सिद्धू का वीडियो 

अपने वीडियो संदेश में सिद्धू ने कहा, 'मैं ना ही हाईकमान को गुमराह कर सकता हूं और ना ही गुमराह होने दे सकता हूं. पंजाब के लोगों के लिए मैं किसी भी चीज की कुर्बानी दूंगा, लेकिन अपने सिद्धातों पर लड़ूंगा. दागी नेता, दागी अफसरों की वापसी कर वही सिस्टम खड़ा नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है, जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है.

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, 17 साल का राजनीतिक सफर एक मकसद के साथ किया है. पंजाब के लोगों की जिंदगी को बेहतर करना और मुद्दों की राजनीति करना, यही मेरा धर्म था और यही मेरा फर्ज है, मैंने कोई निजी लड़ाई नहीं लड़ी है. मेरी लड़ाई मुद्दों की है.

बता दें कि सिद्धू को जुलाई महीने में ही पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद की कमान सौंपी गई थी. उनके प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से सूबे की राजनीति में उतार चढ़ाव का दौर हर दिन जारी रहा. इसी दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ गया, लेकिन नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा राज्य की कमान संभालने के कुछ ही दिन बाद सिद्धू ने अचानक पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया.

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